कोरोना संकट और लगातार खराब होते हवा के स्तर को देखते हुए कई राज्यों की तरह राजधानी दिल्ली में भी पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसी संबंध में दिल्ली पुलिस के लाइसेंस विभाग ने पटाखों को बेचने के लिए दिए गए सभी अस्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिया है.
लाइसेंस विभाग ने राजधानी में पटाखों को बेचने के लिए दिए गए सभी अस्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. लाइसेंस निरस्त होने के बाद अब जिसने भी पटाखे बेचे उसके खिलाफ एनजीटी के आदेश के हिसाब से कार्रवाई होगी. दिल्ली में पटाखों के बेचने पर 7 नवंबर से 30 नवंबर तक पाबंदी लगाई गई है.
इससे पहले दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसले पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने नाराजगी दिखाई और इसके खिलाफ हल्ला बोला. बीजेपी ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला करार दिया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में पटाखे बैन नहीं किए जाते तब भी वो लोग सवाल करते कि क्यों नहीं किया.
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स्वास्थ्य मंत्री जैन ने कहा कि 7 से 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों पर बैन लगा दिया गया है. प्रदूषण और कोरोना दोनों खतरनाक चीजें हैं. नवंबर में तो कसम खा लें कि बिना मास्क के बाहर ना निकलें. जब तक वैक्सीन नहीं आती मास्क को वैक्सीन की तरह इस्तेमाल करें. प्रदूषण की वजह से पटाखे बैन किए गए हैं. दिवाली के दिन जब पटाखे जलते हैं तो रात के 4-5 घंटे सांस भी नहीं लिया जाता.'
प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद ओडिशा सरकार ने भी पटाखों पर रोक लगा दी. ओडिशा सरकार ने 10 से 30 नवंबर, 2020 तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दिवाली के दिन 2 घंटे के लिए पटाखे चलाने की अनुमति दी है.