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10 साल बाद भी केस की फाइल तैयार नहीं, SC ने हरियाणा सरकार को फिर लताड़ा

हरियाणा सरकार की सुस्ती पर चीफ जस्टिस एनवी रमणा (CJI nv ramana) ने कहा कि यह 2010 का केस है और अब भी आप सुनवाई टालने की मांग कर रहे हैं. हम उसे टालने को कतई राजी नहीं हैं.

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Supreme court (PTI)
Supreme court (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वहां 180 से ज्यादा ही लॉ ऑफिसर हैंः जस्टिस सूर्यकांत
  • 'यह 2010 का केस, हम इसे टालने को कतई राजी नहीं'
  • आपकी सरकार हमेशा ऐसे ही रहेगीः CJI एनवी रमणा

सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को एक बार फिर हरियाणा सरकार को लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई. सुनवाई के दौरान आज फिर हरियाणा सरकार के वकील हाथ झाड़कर बोल पड़े, सुनवाई टाल दें क्योंकि पेपर बुक (यानी मुकदमे या याचिका की मूल प्रति) नहीं मिल रही. इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते. आपको पिछले 10-11 साल से पेपर बुक ही नहीं मिल रही.

हरियाणा सरकार की सुस्ती पर सुप्रीम कोर्ट नाराज दिखा. चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि आपकी सरकार हमेशा ऐसे ही रहेगी. आप हमेशा से ऐसे ही करते रहे हैं. अब आपको पेपर बुक नहीं मिल रही.
 
फिर पीठ ने सरकार के वकील से पूछा कि हरियाणा सरकार में कितने असिस्टेंट और अतिरिक्त महाधिवक्ता हैं? एडिशनल, एसोसिएट और असिस्टेंट एडवोकेट जनरल हैं? हरियाणा के वकील बगलें झांकने लगे तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वहां 180 से ज्यादा ही लॉ ऑफिसर हैं.

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इस पर चीफ जस्टिस रमणा  ने हैरत से कहा कि 180 से ज्यादा लॉ ऑफिसर होने के बावजूद आप कह रहे हैं कि पेपर बुक नहीं हैं.
 
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये बदहाली तो तब है जबकि दिल्ली में आपके पास एक्सक्लूसिव लीगल सेल भी है. डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और डेप्युटी अटॉर्नी जनरल भरे पड़े हैं.

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इस पर सरकार के वकील ने कहा कि मुझे तो कल ही इस केस की ब्रीफिंग मिली है. मेरे से पहले जो वकील थे वो पैनल का हिस्सा नहीं थे और बाहरी थे.
 
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि यह 2010 का मुकदमा है और अब भी आप सुनवाई टालने की मांग कर रहे हैं. हम उसे टालने को कतई राजी नहीं हैं.

 

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