scorecardresearch
 

ऑपरेशन स‍िंदूर के बाद एक्शन में सेना और आतंक पर लगाम, आंकड़े बता रहे सेना का शौर्य

ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कार्रवाइयों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक पर काफी हद तक काबू पाया है. मई के बाद से आतंकी घटनाएं और मारे गए आतंकियों की संख्या में कमी आई है. हालांकि, आतंक का शहरी इलाकों की ओर बढ़ना चिंता का विषय है. सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और सटीक कार्रवाइयों ने आतंकियों को बैकफुट पर ला दिया है, लेकिन सतर्कता अभी भी जरूरी है.

Advertisement
X
After operation Sindoor know how Military Response is Up and Terror Down
After operation Sindoor know how Military Response is Up and Terror Down

भारतीय सुरक्षा बलों ने 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान में तीन आतंकियों को मार गिराया. ये अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से की गई ताजा कार्रवाइयों में से एक है. मई में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने कई ऑपरेशनों में तेजी दिखाई है.  

शोपियां, त्राल और श्रीनगर में हुए ऑपरेशन केलर, नादेर और महादेव जैसे अभियानों में कई आतंकी ढेर किए गए. इसके बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है, खासकर जुलाई में. जम्मू-कश्मीर में आतंक का हालइस साल जनवरी से जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में 98 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 32 आतंकी मारे गए. जनवरी में 11 और फरवरी में 17 घटनाएं हुईं लेकिन फरवरी में कोई आतंकी नहीं मारा गया.  

मार्च में आतंकी घटनाएं बढ़कर 21 हो गईं जो इस साल का सबसे ज्यादा आंकड़ा था. अप्रैल में 16 घटनाएं हुईं. मई सबसे ज्यादा तनावपूर्ण महीना रहा जिसमें 13 अलग-अलग घटनाओं में 13 आतंकी मारे गए. इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर, ऑपरेशन केलर और ऑपरेशन नादेर जैसे अभियानों ने सीमा पार आतंक को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई. 

मई के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई. जून में 12 और जुलाई में केवल 8 घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस साल का सबसे शांत महीना रहा. मारे गए आतंकियों की संख्या भी मई के बाद कम हुई- जून में 4 और जुलाई में 3 आतंकी ढेर किए गए.  

Advertisement

आतंक का बदलता चेहरा

पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं ज्यादातर दक्षिण कश्मीर और सीमा के पास होती थीं. लेकिन हाल की घटनाएं जैसे अप्रैल में पहलगाम में हुआ घातक हमला और जुलाई में श्रीनगर के हरवान में हुई मुठभेड़ दिखाती हैं कि आतंक अब शहरों की ओर बढ़ रहा है.  

ऑपरेशन सिंदूर का असर

10 मई को ऑपरेशन सिंदूर खत्म होने के बाद सरकार ने आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए कई अभियान चलाए. 13 मई को शोपियां के केलर जंगल में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए जिनमें लश्कर-ए-तैयबा का एक स्थानीय कमांडर भी शामिल था. मौके से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. 

दो दिन बाद, 15 मई को त्राल के नादेर इलाके में एक और ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें शाहिद कुट्टे शामिल था, जो दक्षिण कश्मीर में कई हमलों का जिम्मेदार था. ताजा कार्रवाई 28 जुलाई को हरवान में हुई, जहां पैरा स्पेशल फोर्सेस ने तीन बड़े आतंकियों को ढेर किया. इनमें हाशिम मूसा, एक पाकिस्तानी पूर्व कमांडो और पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल था. यह ऑपरेशन हफ्तों की निगरानी और कम्युनिकेशन ट्रैकिंग के बाद कामयाब हुआ.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement