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आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों नहीं हो सका? एक्सपर्ट ने बताई ये वजह

श्रद्धा मर्डर केस में मुख्य आरोपी आफताब का आज पॉलीग्राफ टेस्ट होना था. लेकिन FSL की टीम ने बताया कि बुधवार को उसका टेस्ट नहीं हो सका. उनकी ओर से बताया गया कि आफताब आज चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं था और इसलिए टेस्ट नहीं किया जा सका. उसके हेल्थ की स्थिति को देखते हुए कल पॉलीग्राफ होने की संभावना है.

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आज नहीं हो सका आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट
आज नहीं हो सका आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट

श्रद्धा मर्डर केस में मुख्य आरोपी आफताब को पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट से गुजरना है. वैसे तो आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट आज ही होना था लेकिन कुछ कारणों से उसका पॉलीग्राफ टेस्ट आज नहीं हो सका. उसकी जांच एफएसएल की जिन टीमों को करनी थी, उन्होंने आज का प्लान कैंसिल किया और वो जा चुकी हैं. कारण के बारे में बताया गया कि आफताब आज चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं था और इसलिए टेस्ट नहीं किया जा सका. उसके हेल्थ की स्थिति को देखते हुए कल पॉलीग्राफ होने की संभावना है.

इस पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए पुलिस ने साकेत कोर्ट से अनुमति मांगी थी और कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी. इजाजत मिलने के बाद पुलिस टीम को नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट करना है. यह टेस्ट रोहिणी की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में होना है. इसके जरिए केस में ड्रग एंगल की भी जांच की जा रही है. आफताब पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या करने और उसके शरीर को 35 हिस्सों में काटने का आरोप है.

एक दिन पहले भी हुआ था यही टेस्ट

बीते दिन मंगलवार को भी श्रद्धा वॉल्कर की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था. मंगलवर को पुलिस आफताब को FSL लेकर गई. वहां आफताब करीब साढ़े तीन घंटे तक रहा. जानकारी के मुताबिक पहले आफताब का प्री-पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ. इसके बाद शुरू हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट का सिलसिला. इस दौरान आरोपी से तकरीबन 15 से 18 सवाल पूछे गए. आफताब का एक टेस्ट कल किया गया था और एक आज होना था. 

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क्या होता है पॉलीग्राफ?

आपको बता दें कि पॉलीग्राफ एक लाई डिटेक्टर डिवाइस है जिसे किसी व्यक्ति के शरीर से लगाया जाता है और जब वह व्यक्ति एक ऑपरेटर से सवालों का जवाब देता है तो यह शारीरिक घटनाओं (Physiological Activity) जैसे ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और मानव विषय (जिस पर टेस्ट हो रहा है) की सांस को रिकॉर्ड करता है. इस डाटा का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है या नहीं. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1924 से पुलिस की पूछताछ और जांच में इस्तेमाल किया जाने वाला लाई डिटेक्टर अभी भी मनोवैज्ञानिकों के बीच विवादास्पद है और हमेशा न्यायिक रूप से स्वीकार नहीं होता है.

चप्पा-चप्पा छान रहे पुलिसकर्मी

इस मामले की गंभीरता को लेकर पुलिस रिमांड में आफताब से पूछताछ की गई. इस दौरान 10वें दिन आफताब ने सबसे बड़ा खुलासा किया. पुलिस जांच में सामने आया कि आफताब श्रद्धा के टुकड़ों का पूरा हिसाब-किताब रखता था. वह एक रफ नोट में लिखता था कि उसने श्रद्धा का कौन सा टुकड़ा कहां फेंका है. श्रद्धा के टुकड़ों के इसी साइट प्लान पर दिल्ली पुलिस के 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी चप्पा-चप्पा छान रहे हैं. इसी रफ नोट का जिक्र करके दिल्ली पुलिस ने आफताब की रिमांड भी 4 दिन और बढ़वाई है.

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हर संभव कोशिश में जुटी है पुलिस  

बता दें कि 18 मई 2022 को आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर 35 टुकड़े कर दिए थे. लेकिन उसे पुलिस ने 12 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. लिहाजा आफताब के 6 महीने का अतीत खंगाला जा रहा है. फ्लैट से लेकर हर उस लोकेशन तक पुलिस जांच कर रही है, जहां आफताब जाता रहा और श्रद्धा की लाश के एक-एक टुकड़े को ठिकाने लगाता रहा.

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