दिल्ली के मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है. AAP ने BJP की पार्षद सत्य शर्मा को प्रेजाइडिंग ऑफिसर नियुक्त किए जाने पर आपत्ति जताते हुए चुनाव को फिर से कराने की मांग की है. दिल्ली मेयर का चुनाव सिविक हेडक्वार्टर में होने वाला है, लेकिन प्रेजाइडिंग ऑफिसर की नियुक्ति को लेकर पहले ही विवाद गहराता जा रहा है.
AAP का कहना है कि इस नियुक्ति में निष्पक्षता और समानता का ध्यान नहीं रखा गया. पार्टी ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल को मौजूदा मेयर या सबसे वरिष्ठ पार्षद को प्रेजाइडिंग ऑफिसर नियुक्त करना चाहिए था, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर कोई सवाल नहीं उठे. AAP के एक बयान में कहा गया, 'हमें उम्मीद है कि BJP किसी भी तरह की अनुचित गतिविधि में शामिल नहीं होगी, संविधान का सम्मान करेगी, और चुनाव को निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न होने देगी. हमने पहले भी देखा है कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के दौरान BJP ने एक पार्षद को प्रेजाइडिंग ऑफिसर बनाकर लोकतंत्र की हत्या की थी. हम चाहते हैं कि इस बार चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्षता के साथ हो.'
दूसरी ओर, दिल्ली BJP के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP पर वैधानिक नियुक्तियों को लेकर आरोप लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि AAP को वैधानिक नियुक्तियों पर संदेह करने की आदत है और अब मेयर चुनाव में प्रेजाइडिंग ऑफिसर को लेकर भी वह ऐसा ही कर रही है. कपूर ने यह भी आरोप लगाया कि AAP अनुसूचित जाति के मेयर का चुनाव नहीं चाहती और इसीलिए चुनाव प्रक्रिया में रुकावट डालने का प्रयास कर रही है.
BJP का मानना है कि AAP बार-बार चुनाव प्रक्रिया में अड़चन डालने का प्रयास करती है ताकि मेयर चुनाव में देरी हो और इसके पीछे राजनीतिक लाभ उठाया जा सके. पार्टी ने AAP पर आरोप लगाया कि वह चुनाव से पहले बेवजह का विवाद खड़ा कर रही है, जिससे कि वह अपनी कमजोर स्थिति को छिपा सके. मेयर चुनाव में उत्पन्न इस विवाद ने एक बार फिर से दोनों पार्टियों के बीच तनातनी को उजागर कर दिया है. अब देखना होगा कि क्या मेयर चुनाव कल निर्धारित समय पर हो पाता है, या फिर AAP के विरोध के चलते इसमें किसी तरह का बदलाव देखने को मिलेगा.