राजनीति भी बड़ी अनिश्चितता से भरी हुई है, मार्च-अप्रैल महीने की ही तो बात है जब पश्चिम बंगाल में बीजेपी को सत्ता की दौड़ में सबसे आगे समझा जा रहा था. ममता बनर्जी के भरोसमंद सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ना शुरू कर दिया था और एक तरीके से यह माना जाने लगा था कि बीजेपी वहां सत्ता में आ ही रही है. लेकिन जब दो मई को वोटों की गिनती हुई तो खेल पलट गया. टीएमसी चुनाव जीत गयी, टीएमसी छोड़ भाजपा के खेमे में गए कुछ नेता तो विधायक भी बन गए हैं लेकिन ज्यादातर नेता अब वापस टीएमसी को ही अपना माई-बाप बता रहे हैं। हाल ही में सोनाली गुहा ने बाकायदा सार्वजनिक रूप से भाजपा में जाने के लिए ममता बनर्जी से माफी मांगी थी. इन सभी घटनाओं के बीच अब टीएमसी से भाजपा में गए पार्टी वर्कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते देखे जा रहे हैं। बकायदा गली गली माइक से माफी मांगते हुए कह रहे हैं कि भाजपा में जाना उनकी भूल थी, अब वापस से वो टीएमसी में आना चाहते हैं.
पश्चिम बंगाल में भाजपा इन घटनाओं को टीएमसी की डर की राजनीति बता रही है। ऐसे में, एक सवाल बड़ा स्वाभाविक है, दल बदल से पहले इस तरह के माफीनामे की आवश्यकता क्यों पड़ रही है ? और भाजपा की ओर से लगाये जा रहे इस डर के आरोप में कितना दम है?
लगभग डेढ़ साल बीत गए हैं लेकिन अब तक पुख्ता तौर पर ये पता नहीं लग पाया है कि कोरोना का वायरस आया कहां से? ज़्यादातर संस्थाओं और देशों ने शक की सुई को चीन की तरफ मोड़कर देखा लेकिन उसमें भी काउंटर दलील आती रहीं. अब अमेरिका की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के वुहान लैब से ही वायरस के बहुत हद तक लीक होने की संभावना है, द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इसे लेकर एक आर्टिकल भी पब्लिश किया जिसमें अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस दिशा में तमाम जानकारी दी गई। अब करीब डेढ़ साल बाद, दुनिया भर में कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने की थियरी को रफ़्तार मिल रही है, सभी क्लेम्स और रिपोर्ट को सिलसिलेवार तरीके से पढ़ने पर , देखने पर, इसकी एक सम्भावना नज़र आती है कि कोविड 19 सम्भवतः वुहान लैब से लीक हुआ हो. ऐसे में, क्यों न आज पिछले डेढ़ साल के सीरीज ऑफ इवेंट्स को देखें, समझें कि किस तरह इस क्लेम को बल मिला. तो कोविड 19 के ओरिजिन और चाइनीज कनेक्शन को लेकर शुरुआती क्लेम्स किन देशों और लोगों की तरफ से आये और ये क्लेम्स क्या थे ?
मंगलवार शाम, दुनिया भर की कई बड़ी वेबसाइट कुछ समय के लिए डाउन रहीं, मतलब ये कि लोगों को इन साइट्स को एक्सेस करने में मुश्किल आ रही थी. इनमें रेडिट, न्यूयॉर्कटाइम्स, गार्डियन और सीएनएन जैसी बड़ी इंटरनेशनल चैनल्स की वेबसाइट भी शामिल थी जिनके साइट्स को एक्सेस करने पर एरर मैसेज दिखता रहा, हालाँकि बाद में ये दिक्कत ठीक कर ली गई. लेकिन वैश्विक तौर पर इन वेबसाइट्स के डाउन होने के पीछे जिस अमरीकी कम्पनी का नाम सामने आया है , वो है - Fastly. क्या करती है ये ? और क्यों इस कम्पनी को इस साल के सबसे बड़े इंटरनेट आउटेज से जोड़ कर देखा जा रहा है ? ये कम्पनी कितने बड़े पैमाने पर इंटरनेट वर्ल्ड को कंट्रोल करती है?
इन ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा बिहार के मुंगेर से कोरोना से जुड़ी ग्राउंड रिपोर्ट, हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.