आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
महिलाओं को कम क्यों लगी वैक्सीन?
ये किसी से नहीं छिपा कि हमारे देश में पुरुषों और महिलाओं के बीच कामकाज के मामलों में भेद बहुत ज़्यादा है. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 आई थी मार्च में. उसने बताया कि आर्थिक भागीदारी और अवसर के क्षेत्र में ये अंतर 3 प्रतिशत बढ़कर 32.6 परसेंट तक पहुंच गया है. प्रोफेशनल और टेक्निकल फील्ड में भी महिलाओं की भूमिका घटकर 29.2 प्रतिशत रह गई है लेकिन जेंडर गैप सिर्फ इन्हीं क्षेत्रों में नहीं है देश में कोरोना के खिलाफ चल रहे मेगा वैक्सिनेशन ड्राइव में भी दिख रहा है. अभियान के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि अधिकतर राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम वैक्सीन लगवाई है. आँकड़ों और वजहों की पड़ताल इंडिया टुडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट के मयंक मिश्रा ने की है.
बिहार में लड़कियों को 33% आरक्षण
सरकारी नौकरी में आरक्षण की तर्ज पर बिहार सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी लड़कियों को 33 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा कर दी है. बिहार में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जिसमें सीट 9275 हैं. 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1125 सीटें हैं. नीतीश सरकार ने क्या सोचकर ये फ़ैसला लिया और सूबे में लड़कियों की शिक्षा के हालात क्या हैं इन पर पूर्व सिविल सेवक, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह बात कर रही हैं.
महाराष्ट्र में कंफ्यूज़न क्यों है?
कोरोना की हल्की पड़ती दूसरी लहर के बीच हर राज्य अनलॉक की ओर बढ़ रहा है. महाराष्ट्र के पुनर्वास मंत्री विजय वड्डेटिवार ने भी राज्य को अनलॉक करने का 5 फ़ेज़ फ़ॉर्मूला बताया है. इस पॉडकास्ट में उस फ़ॉर्मूले को समझिए लेकिन मुंबई से आजतक रेडियो रिपोर्टर कमलेश सुतार ये भी बता रहे हैं कि अनलॉक को लेकर उद्धव सरकार के भीतर ही कंफ्यूज़न भी है और वो क्यों है.
इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें लेकर आए हैं प्रतीक वाघमारे.