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आज का दिन: कोरोना से 80% है रिकवरी रेट, फिर भी क्यों बढ़ रहा मौत का आंकड़ा?

कोरोना की दूसरी लहर में नए केस की संख्या कम होती जा रही है. देश में एक ओर स्वास्थ्य मंत्रालय का रिकवरी रेट 80 फ़ीसदी से ज्यादा बताया जा रहा है तो उसी वक्त मौत के आंकड़ें में इतनी बढ़ोतरी क्यों देखा जा रही है?

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बेंगलुरु के श्मशान घाट की तस्वीर
बेंगलुरु के श्मशान घाट की तस्वीर

भारत में कोरोना के आकड़ों में भले ही कमी देखने को मिली हो लेकिन मृतकों की संख्या में कमी नहीं देखी जा रही है. जिससे साफ जाहिर है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. ऐसे में लोग मास्क लगाने को लेकर कोताही बरतते भी दिख रहें हैं, जबकि शुरू से ही मास्क को अपने ज़िन्दगी का हिस्सा बनाने की बात बार-बार कही जा रही है. कल  ICMR ने अपनी एडवाइज़री जारी की है, जिसमें एक चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. ICMR के एक स्टडी के मुताबिक भारत में 50 फ़ीसदी लोग ऐसे है जो बिल्कुल भी मास्क का इस्तेमाल ही नहीं करते और जो इस्तेमाल करते हैं उनमें से 64 प्रतिशत लोग बिना नाक को ढके ही मास्क लगाते हैं.  इससे कोरोना का ख़तरा और बढ़ेगा क्योंकि सरकार और सिस्टम के जो फेलियर हैं सो है लेकिन जो लोगों की लापरवाही भी कम ज़िम्मेदार नहीं है कोरोना के मामले बढ़ाने में. सरकार ने है कि 7 राज्य ऐसे हैं जहाँ कोरोना के मामले 25 प्रतिशत से अधिक है, वही 22 ऐसे राज्य है जहाँ 15 प्रतिशत से अधिक मामले हैं. डॉ. हर्षवर्धन कह चुके हैं कि सरकार का लक्ष्य 25 लाख प्रतिदिन टेस्ट करने का है. टेस्टिंग से ही जुड़ी ही एक ख़बर ये भी है कि अब घर पर रहकर ही कोरोना की जांच की जा सकेगी. पुणे की मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन कंपनी ने यह रैपिड एंटीजन टेस्ट किट बनाई है. इसकी मदद से अब महज़ 2 मिनट में  कोरोना टेस्ट कर सकते हैं. साथ ही इसका रिजल्ट भी हमें केवल 15 मिनट में मिल जाएगा.इस किट की उपलब्धता को लेकर कंपनी के फाउंडर सुजित जैन ने कहा है कि यह किट लगभग 7.5 लाख ऑफलाइन और ऑनलाइन फार्मेसी स्टोर पर उपलब्ध रहेगी.  ICMR की एडवाइजरी में एक नए टेस्ट किट का जिक्र किया गया है. मंज़ूरी इसे मिल ही चुकी है, तो इस किट से टेस्ट कैसे होगा, कब इस टेस्ट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और क्या चुनौतियां हो सकती हैं इस टेस्ट में? 

भारत में कई दिनों से स्वास्थ मंत्रालय इस बात पर बड़ा जोर देती आयी है कि देश में कोरोना के मामले अब कम आने लगें हैं लेकिन सच तो ये है कि टेस्टिंग में भी गिरावट देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश के गांवो का हाल कर हमारे रिपोर्टर आशुतोष मिश्रा ने लिया तो पता चला कि वहां टेस्टिंग हो ही नहीं रही या न के बराबर हो रही है. ग्रामीणों को कहीं कहीं डॉक्टर्स भगा दे रहे हैं. तो मामलों में गिरावट तो देखने को मिलेगी ही वहीं अगर हम देश में हो रहे रोजाना मौत के आंकड़ों की बात करें तो उसमें  हमें काफी उछाल देखने को मिल रहा है. पिछले एक हफ्ते के दरम्यान देश में मौत के आंकड़े लगभग 4 फीसदी की रफ्तार से बढ़े हैं और कई जगहों से unreported death  के मामले भी सामने आ रहे हैं. वहीं देश में एक ओर स्वास्थ्य मंत्रालय का रिकवरी रेट 80 फ़ीसदी से ज्यादा बताया जा रहा है तो उसी वक्त मौत के आंकड़ें में इतनी बढ़ोतरी क्यों देखा जा रही है?

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उत्तर प्रदेश में प्रशासन की नदियों किनारे अब मुस्तैदी है. SDRF और जल पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है ताकि लोग नदियों में या नदी किनारे शवों की अंतिम क्रिया न कर सकें. लेकिन अब तक जो शव घाटों पर दबाए जा चुके हैं अब उन्हें हवा के झोंकों और पानी की लहरों ने उघाड़ कर रख दिया है. वे ऊपर ही दिखने लगे हैं. प्रयागराज के फाफामऊ पुल के नीचे संगम किनारे का इलाक़ा लाशों से पटा पड़ा है. यहां दूर दूर तक सिर्फ़ लाशें ही लाशें दिख रही हैं. आज तक रेडियो रिपोर्टर शिवेंद्र श्रीवास्तव वहां पहुंचे तो उन्होंने क्या देखा? 

इसी साल मार्च महीने की 31 तारीख़ को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ट्वीट करके छोटी बचत पर ब्याज दरों को कम करने का ऐलान करती हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी NSC समेत छोटे बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती का फैसला किया गया था. यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी. लेकिन ठीक 12 घंटे बाद 1 अप्रैल को ही इस फैसले को सरकार ने पलट दिया. ट्वीट डिलीट हो गया. लेकिन जैसे ही ट्विटर पर बवाल मचा वित्तमंत्री ने फट से  कहा कि ये तो ओवरसाइट है यानि गलती से मिस्टेक हो गया ट्वीट है। जो जैसा चल रहा था वैसा ही चलता रहेगा.  यह अब तक लागू की गई किसी भी पॉलिसी का सबसे तेज रोलबैक था. इंडिया टुडे टीवी  में एडिटर अशोक उपाध्याय ने इस मसले पर आरटीआई फ़ाइल की वित्त मंत्रालय में और उसमें क्या बातें निकल कर सामने आईं हमने उन्हीं से पूछा

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