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आज का दिन: मुंबई में पिछले साल के मुकाबले अप्रैल में क्यों हुई थी 112 फीसदी ज्यादा मौतें?

‘आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगें क्या चार साल में GST अपने टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य तक पहुंच पाया? मुंबई में पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल में 112 फीसदी ज़्यादा मौतें क्यों हुई? गर्मी से जूझ रहे पूरे उत्तर भारत में कब दस्तक देगा मॉनसून?

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मुंबई में पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल में 112 फीसदी ज़्यादा मौतें क्यों हुई?
मुंबई में पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल में 112 फीसदी ज़्यादा मौतें क्यों हुई?

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर जमशेद क़मर सिद्दीक़ी किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं. 

जीएसटी के चार साल, क्या हासिल?

GST लागू हुए 4 साल पूरे हो गए हैं। जब इसे लाया गया तो हर महीने टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य एक लाख करोड़ रखा गया था. हालांकि कोरोना के दौरान रुपए के बंटवारे को लेकर खूब हंगामा मचा रहा। खासतौर से केंद्र और गैर-बीजेपी शासित राज्यों के बीच। आरोप लगते रहे कि GST Council राज्यों के बीच भेदभाव करती है। GST के चार साल पूरे होने पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने काफी जानकारियां लोगों को दीं. उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में हमारा जीएसटी का टैक्स बेस लगभग दोगुना हो गया है, ये करीब 66 लाख से बढ़कर एक करोड़ हो गया है। राजस्व बढ़ने की बात वो कहती हैं. लेकिन क्या वाक़ई क्या ऐसी स्थिति है? नहीं तो कहां चूक गई सरकार? बता रहे हैं आजतक के फाइनेंशियल खबरों के जानकर शुभम शंखधर 

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महाराष्ट्र में मौत के आंकड़े  

महाराष्ट्र में आरटीआई एक्टिविस्ट शरद यादव ने अप्रैल महीने में महाराष्ट्र में हुए मौत के आकड़ों पर एक आरटीआई फाइल की थी. इस आरटीआई के माध्यम से एक हैरान करने वाली बात निकलकर सामने आई है. इसमें ऐसा कहा गया है कि मुंबई में इस साल अप्रैल के महीने में 112% से ज़्यादा मौतें हुई हैं. दरअसल इस आंकड़े ने शहर में पिछले चार सालों में इसी महीने हुई मौतों के आंकड़े को काफी पीछे छोड़ दिया है. वहीं मृत्यु दर डेटा ने कोविड 19 के वास्तविक टोल पर चिंता जताई है. ये आंकड़ा सिर्फ कोरोना से हुई मौतों का नहीं है बल्कि और भी कई कारणों से हुई मौतों के बारे में भी है. सवाल इस पर ये उठ रहा है की आखिर इतना बड़ा मौतों में उछाल आया कैसे? इस आरटीई और उससे निकल कर आई जानकारियों पर बात कर रहे हैं मुंबई से आजतक रेडियो रिपोर्टर मुस्तफा शेख

बारिश के मौसम में बरस रही है आग 

कैनेडा में इन दिनों ज़बरदस्त गर्मी पड़ रही है और हाल ही में करीब 100 के ऊपर लोगों की मौत हुई है. इनमें से अधिकतर की मौत गर्मी की चलते हुई. कनाडा में 49.5 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया. इससे पहले कभी भी 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान नहीं पहुंचा था कनाडा में. वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां भी फिलहाल गर्मी से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. जून बीत गया और जुलाई का महीना आ चुका लेकिन कुछ हिस्सों को छोड़कर बारिश या तो बिलकुल कम हुई या फिर नहीं ही हुई. मौसम विभाग का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नॉर्थवेस्ट मध्यप्रदेश में भी अगले 2 दिन तक गर्म हवाएं चलने के आसार हैं. आजतक रेडियो के रिपोर्टर कुमार कुणाल इस बारे में बता रहे हैं

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अफ़गानिस्तान : क्या फिर उभरेगा तालिबान? 

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों ने 1 मई से वतन-वापसी शुरू कर दी है। जब तक ये सैनिक यहां थे, अफगान सेना को तालिबान से लड़ने के लिए साथ मिल जाता था, जो ज़ाहिर है अब नहीं मिलेगा। अब इससे आशंका ये जताई जा रही है कि तालिबान और ज़्यादा मजबूत होगा। अफगानिस्तान में उसकी पकड़ और बढ़ेगी। वैसे ये पकड़ अभी भी ढीली नहीं है। अफ़गानिस्तान में 34 राज्य हैं। इन 34 राज्यों में 387 ज़िले हैं। यानी शासन करने की टोटल 421 जगहें। इनमें से 156 जगहों पर तालिबान का कब्ज़ा है। समस्या तो ये है कि इन 156 में से 70 से ज्यादा जगहें तालिबान ने एक मई के बाद हासिल की हैं। तो क्या अमेरिकी सेना कि वापसी के बाद तालिबान फिर मजबूत हो रहा है? अगर हां तो ऐसे में अफगानिस्तान में नई परिस्थितियां कैसी होंगी इस बारे में बता रहे हैं अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार मोहम्मद ज़ीशान  

इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें लेकर आए हैं प्रतीक वाघमारे 

आज का दिन सुनने के लिए यहां क्लिक करें

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