scorecardresearch
 

बिहार में हार के बाद महागठबंधन में मंथन, नतीजों ने क्यों बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, सुनें आज का दिन

बिहार के चुनावी नतीजों के बाद मंथन का दौर शुरू है. महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा तो मंथन के ज़्यादा मूड में भी वही है. कल पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के नेताओं का जमावड़ा लगा.

Advertisement
X
बिहार के नतीजों के बाद महागठबंधन में मंथन
बिहार के नतीजों के बाद महागठबंधन में मंथन

बिहार के चुनावी नतीजों के बाद मंथन का दौर शुरू है. महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा तो मंथन के ज़्यादा मूड में भी वही है. कल पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के नेताओं का जमावड़ा लगा. चुनाव नतीजों पर चर्चा हुई और तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेता चुना गया. तेजस्वी ने कहा कि जनता का फैसला उनके पक्ष में है जबकि चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में गया है. तेजस्वी ने दावा भी किया कि उन्हें करीब 130 सीटें मिली हैं, अगर जरूरत पड़ती है तो वो कोर्ट भी जाने को तैयार है. ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव में मिली हार को सीधे स्वीकारने के बदले उन्होंने थोड़ा हटकर चलने का फैसला क्यों किया है? इससे वो क्या साधने की कोशिश कर रही है? यही बता रहे हैं इंडिया टुडे डॉट कॉम के असिस्टेंट एडिटर प्रभाष दत्ता.

बिहार में जिस तरीके से कांग्रेस का स्ट्राइक रेट रहा वो उसकी मुश्किलें बढ़ा रहा है. 70 सीटें लड़ने के लिए मिली थीं और पार्टी ने जीती महज़ 19. अब दो बड़े राज्य हैं जहां चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु. बंगाल में कांग्रेस का लेफ़्ट से गठबंधन हो गया है और तमिलनाडु में वो डीएमके के साथ है. अब मुद्दे की बात ये है कि क्या बिहार में कांग्रेस का ख़राब स्ट्राइक रेट देखने के बाद दोनों सूबों में सहयोगी कांग्रेस को लड़ने के लिए उतनी सीटें देंगे जितनी कांग्रेस expect करती है? इस बारे में बता रहे हैं आजतक रेडियो रिपोर्टर आनंद पटेल. 

अब एक ख़ुशख़बरी.. वो भी PUBG लवर्स  के लिए. एक बार फिर से PUBG भारत में अपनी वापसी को तैयार है. मोबाइल गेम PUBG के निर्माता PUBG Corporation ने घोषणा की है कि वह PUBG मोबाइल इंडिया को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. कहा जा रहा है कि PUBG का ये नया वर्ज़न भारत में यूज़र्स को सुरक्षित तरीके से गेम खेलने का मौका देगा. तो क्या है  PUBG की वापसी की कहानी, क्या बातें कही गई हैं कंपनी की तरफ से..  बता रहे है आजतक रेडियो के रिपोर्टर मुनज़िर अहमद।

Advertisement

और आख़िर में बात उस फ़िल्म की जिसके आने से पहले खूब हल्ला हुआ.. और आने के बाद उससे भी ज़्यादा है. अक्षय कुमार की फ़िल्म लक्ष्मी की बात हो रही है. पहले नाम बदलने को लेकर फ़िल्म ने कंट्रोवर्सी झेली थी और अब फ़िल्म के क़िरदार, सब्जेक्ट, डायलॉग को लेकर भी फ़िल्म देखने वालों का रिएक्शन अच्छा नहीं आ रहा है. समीक्षकों का कहना है कि राघव लॉरेन्स ने तमिल फिल्म कंचन को हूबहू कॉपी किया सो किया, लेकिन अपनी तरफ से कुछ नया नहीं जोड़ा. फ़िल्म का लेफ़्ट और राइट दोनों धड़े विरोध कर रहें हैं. राइट विचारधारा के लोगों को फ़िल्म में अक्षय कुमार के क़िरदार "आसिफ़" को लेकर आपत्ति है. कहना है कि ये फ़िल्म तथाकथित "लव ज़िहाद" को भी बढ़ावा दे रही है. वहीं लेफ्ट विचारधारा के लोग अक्षय की प्रो गवर्मेंट अप्रोच को लेकर नाराज़ हैं. हमने बात की इस सब पर हमारी आजतक रेडियो की सहयोगी अनन्या भट्टाचार्या से. 

और ये भी जानिए कि 13 नवंबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी चंद मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.

Advertisement

'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Advertisement
Advertisement