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आज का दिनः योगी के गढ़ में प्रियंका गांधी की सियासी घुसपैठ कितनी कामयाब होगी?

क्या आतंकवाद पर G20 देशों को एक जुट करने में कामयाब हुआ भारत? प्रियंका की गोरखपुर में रैली के ज़रिये योगी के पूर्वांचल में सेंध कितनी सफल रहेगी? और कैसे पता लगाएं कौन सा ऐप ख़तरनाक है? सुनिए आजतक रेडियो पर...

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प्रियंका गांधी ने रविवार को गोरखपुर में एक चुनावी रैली की थी. (फोटो-PTI)
प्रियंका गांधी ने रविवार को गोरखपुर में एक चुनावी रैली की थी. (फोटो-PTI)

'आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे कि क्या आतंकवाद पर G20 देशों को एक जुट करने में कामयाब हुआ भारत? साथ ही चर्चा होगी प्रियंका गांधी की गोरखपुर रैली पर. क्या गोरखपुर में रैली के जरिए योगी के गढ़ में सेंध लगाने में सफल होगी कांग्रेस? इसके अलावा आप ये कैसे पता सकते हैं कि कौनसा ऐप खतरनाक है, इस बारे में भी हम चर्चा करेंगे.

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

1. जी20 समिट से भारत को क्या मिला?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोम दौरा रविवार को ख़त्म हो गया. मोदी यहां जी20 सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे.  इसी के साथ यहां मोदी ने वेटिकन सिटी पहुंचकर कैथोलिक क्रिश्चियन्स के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस और सेक्रेट्री ऑफ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मुलाकात की थी और पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता भी दिया था. इससे पहले परसों यानी शनिवार को समिट के पहले सेशन में भाग लिया , और कल यानी रविवार को समिट के दूसरे और आखिरी सेशन में. मीटिंग में ईरान न्यूक्लियर डील पर भी चर्चा हुई. G-20 देशों के नेताओं ने बैठक में तय किया कि ग्लोबल टेम्परेचर को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक कम करने की कोशिश की जाएगी. इस दौरान PM ने जी20 देशों के लीडर्स से वादा किया कि भारत अगले साल के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन की 5 अरब डोज बनाएगा. कल दूसरे सेशन में  जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण पर मीटिंग्स हुई, और इससे जुड़े मुद्दों के इर्दगिर्द चर्चा होने के बाद इस समिट का समापन हो गया. पीएम इसके बाद रोम से ग्लास्गो के लिए रवाना हुए जहाँ उन्हें कोप-26 सम्मेलन में हिस्सा लेना है. तो भारत के नज़रिये से जी20 की इस समिट का हासिल क्या रहा? Cop 26 सम्मेलन का महत्व किस लिहाज से बड़ा है भारत के संदर्भ में?

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2. योगी के गढ़ में प्रियंका की रैली कितनी सफल रही? 

यूपी में विधानसभा चुनाव के नजदीक है और इसी क्रम में  नेताओं की सभाएं और राजनीतिक हलचल अपने उफान पर पहुंचती दिख रही हैं. बीजेपी की कल रैली हुई हाथरस में जहाँ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे. दलितों को लुभाने के लिए कई बातें भी कहीं गई. वहीं प्रियंका गांधी कल सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में थीं. जहाँ उन्होंने एक सभा को सम्बोधित किया. किसी भी कांग्रेसी शीर्ष नेता का पूर्वांचल का ये बेहद महत्वपूर्ण दौरा है. प्रियंका ने वहाँ से कई चुनावी एलान भी किये और फिर चूंकि योगी के गढ़ में थीं तो योगी पर हमले करना कैसे भूलतीं.  दिलचस्प बात ये रही कि प्रियंका ने भाजपा के साथ साथ सपा और बसपा को भी उतनी ही आक्रामक रूप से घेरा. उन्होंने कहा कि सपा और बसपा बीते वर्षों में एक नाकाम विपक्ष रहे हैं. बहरहाल, यूपी में कांग्रेस की हालत किससे छुपी है,प्रियंका के ये सारे प्रयास यूपी में पुनर्जीवित करने के लिए ही हैं. अब ऐसे में इस रैली का भाजपा और योगी आदित्यनाथ के गढ़ में क्या प्रभाव रहा, कितनी सफल रही , और इस रैली से कांग्रेस ने क्या साधने की कोशिश की है?

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3. कैसे पहचानें कौन सा ऐप खतरनाक है?

ऐसा कई बार होता है कि जब आप अपने फोन में प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं और फिर उन ऐप्स को खोलते हैं तो वह कई तरह की चीजें आपसे Allow कराते होंगे, और आप Allow कर भी देते होंगे, मगर शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि कई ऐप्स इस तरह से आपको स्कैम का शिकार बना रहे हैं. इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए  गूगल ने 150 से ज्यादा मैलेशियस एप्स को प्ले-स्टोर से बैन कर दिया है, यह सभी ऐप्स UltimaSMS कैंपेन में शामिल थे, ये एप्स यूजर को प्रीमियम SMS सर्विस के लिए साइन-इन करने के लिए कहते थे, और यूजर स्कैम में इसलिए फस जाते थे क्योंकि ऐप्स बदले में पैसे देने की बात कहता था. इन एप्स को 10.5 मिलियन बार से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था, ये सभी ऐप्स एक जैसे थे और लगभग एक ही काम करते थे. नेट सर्फिंग की दुनिया मे वेबसाइट के जरिये इस तरह की चीजें बहुत कॉमन है , जहाँ पर ये चीजें कंट्रोल करनी थोड़ी मुश्किल है, पर अगर यही घोटाला ऐप्स के जरिये हो तो यहाँ कारवाई की गुंजाइश इस तरह से ही होती है. अब सवाल ये है कि कौन-कौन सी जानकारियाँ ले रहे थे ये ऐप्स, एक यूजर को इन ऐप्स से किस तरह के नुकसान हो रहे थे? और  मैलेशियस एप्स की भरमार अभी भी गूगल पर है, तो ऐसे में पहचाने कैसे कि कोई ऐप खतरनाक है, मैलेशियस है इनसे बचें कैसे?

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1 नवंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

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