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आज का दिनः पूर्व के बाद अब पश्चिम यूपी के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?

क्या इस बार पश्चिमी यूपी के जाट वोट खींच पाएगी बीजेपी? अयोध्या को सेंटर बनाकर फिर हो रहा है यूपी चुनाव? बिकने के बाद पेगासस का कैसे होगा इस्तेमाल? रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच की रार टीम के लिए नुकसानदेह होगी? सुनिए आजतक रेडियो पर...

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बीजेपी और पीएम मोदी अभी तक पूर्वांचल पर फोकस कर रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI)
बीजेपी और पीएम मोदी अभी तक पूर्वांचल पर फोकस कर रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI)

'आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे कि क्या इस बार पश्चिमी यूपी के जाट वोट खींच पाएगी बीजेपी? और क्या अयोध्या को सेंटर बनाकर फिर हो रहा है यूपी चुनाव? इसके साथ ही चर्चा इस पर भी होगी कि बिकने के बाद पेगासस का कैसे होगा इस्तेमाल? और रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच की रार टीम के लिए नुकसानदेह होगी?

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं?

1. पश्चिमी यूपी के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?

बीते दो दिन, अख़बार में इश्तेहार से लेकर खबरों तक सिर्फ़ बनारस और बस बनारस ही था. बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हो या फिर भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक. कहा गया कि इन मसलों के ज़रिए एक नैरेटिव बिल्ड करने की कोशिश हो रही है. वहीं कुछ बातें आज भी मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचेंगी जब असम, अरुणाचल प्रदेश, गोआ, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आज अयोध्या में होंगे. न सिर्फ ये मुख्यमंत्री बल्कि बिहार के दो उप मुख्यमंत्री और सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्रियों के भी पहुंचने की ख़बर है. ऐसे में, आज देश के दर्जन भर से ज्यादा मुख्यमंत्रियों के अयोध्या विजिट का पूरा शेड्यूल क्या है और किस तरह की तैयारियां हैं वहाँ? और अयोध्या में इस जुटान का राजनीतिक महत्व क्या है?

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उधर बीजेपी और प्रधानमंत्री के यूपी के पूर्वी हिस्से में बढ़ते कार्यक्रमों की संख्या ने यूपी की सियासत में नया विमर्श खड़ा कर दिया  कि बीजेपी अब पश्चिमी यूपी को छोड़ पूर्वांचल की तरफ ज़्यादा फोकस्ड हैं. लेकिन पश्चिमी यूपी का राजनीति में इतना तो रोल है ही कि उसको कोई भी सियासी पार्टी नज़रंदाज़ नही कर सकती. इस हिस्से में जाट और मुस्लिम वोट बैंक एक मेजर रोल प्ले करता रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने यहां 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से ही यहाँ जाट और मुस्लिम वोट बैंक अलग अलग पालों में बंट गया था. जिसका नतीजा ये हुआ कि जाट वोट बैंक बीजेपी के पाले में चला गया जिसकी तस्वीर 2017 विधानसभा चुनाव में दिखाई भी दी. वहीं दूसरी ओर इसका सीधा नुकसान समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल को  हुआ. खैर.. ये तो इतिहास था. वर्तमान के समीकरण बदले हैं. खास कर किसान आंदोलन के बाद. तमाम मंचों से जाट-मुस्लिम एकता की बातें फिर सुनाई दी हैं. तो सत्ताधारी दल बीजेपी की चिंता इस लिहाज से भी बढ़ी हैं. अब सवाल ये है कि भाजपा के लिए ये कितना बड़ा सिरदर्द हो सकता है? क्या वाकई किसान आंदोलन से जो समीकरण बदले हैं वो आने वाले चुनावों में बड़ा रोल प्ले करने वाले हैं और ग्राउंड लेवल पर ये बात कितनी सही है कि बीजेपी पश्चिमी यूपी में बहुत प्रयास करती नहीं दिख रही?

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2. बिकने के बाद पेगासस का कैसे होगा इस्तेमाल?

पेगासस स्पाइवेयर को ले कर बीते कुछ दिनों मे काफी बवाल हुआ. कहा गया कि दुनिया भर में सैकड़ों पत्रकारों और दूसरे चर्चित लोगों के फ़ोन इसके ज़रिए टैप किए गए .उनकी जासूसी की गई. इसमें भारत के करीब 40 पत्रकार और अन्य कई सेलिब्रिटीस और पॉलीटिशियन भी शामिल थे, विपक्ष ने सरकार पर तमाम आरोप लगाए, संसद स्थगित हुई और भी बहुत कुछ हुआ, मगर अब खबर ये है, कि मसहूर स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी NSO जल्द ही बिकने वाली है. कहा जा रहा है कि NSO ग्रुप लिमिटेड जल्द ही अपने विवादित पेगासस यूनिट को बंद कर सकती है या फिर पूरी कंपनी को बेच सकती है, सुनने में यह भी आया कि, बेचने को लेकर कंपनी की कई इन्वेस्टमेंट फंड से बातचीत भी हुई है, मगर इसमें अमेरिकी फंड ने खासा दिलचस्पी दिखाइ हैं, वो जल्द ही इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले सकते हैं औऱ पेगासस को बंद भी किया जा सकता है. तो, इतनी सुर्खियां बटोरने के बाद आखिर ये मशहूर पेगासस स्पाइवेयर को बेचने की क्या नौबत आ गई? और इसे खरीदने वाली कंपनी इसका किस तौर पर इस्तेमाल करेगी?

3. विराट-रोहित के बीच क्या सच में है तकरार?

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भारतीय क्रिकेट में इन दिनों अफवाहों का बाज़ार गर्म ही है.रोहित शर्मा के टी20 के बाद वनडे का कप्तान बनाए जाने के बाद तमाम खबरें आईं कि इंडियन क्रिकेट टीम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. पिछले दिनों बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली के बयान ने भी इन चर्चाओं को तेज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि विराट ने जब टी20 की कप्तानी छोड़ने की बात कही थी तो बीसीसीआई ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था. लेकिन उसके बाद भी जब विराट नहीं माने तो फिर हमें मजबूरन ओडीआई की कप्तानी भी उनसे लेकर रोहित को देनी पड़ी क्योंकि व्हाइट बॉल गेम के दो कप्तान नहीं हो सकते. इस बयान के बाद  लोगों की प्रतिक्रिया और तेज़ हो गई लोग कहने लगे कि विराट से वनडे की कप्तानी छीनी गई है. विराट ऐसा चाहते नहीं थे वगैरह वगैरह. कहा ये भी गया कि विराट वनडे की कप्तानी छीने जाने से नाराज़ हैं और साऊथ अफ्रीका दौरे में वनडे सीरीज से किनारा कर सकते हैं. तो अब सवाल ये है कि इन अफवाहों में और इन उड़ती ख़बरों में दम कितना है?

15 दिसंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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