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आज का दिन: कब खत्म हो सकता है नौकरियों पर बना कोरोना का संकट?

कोरोना के दौरान कई बड़े संस्थानों में छंटनी देखी गई. लेकिन अब कोविड की घटती पाबंदियों और कोरोना के कम होते असर के बीच स्थिति सुधर रही है. नौकरी हायरिंग आउटलुक सर्वे में अनुमान जताया गया है कि जून तक नौकरियों और हायरिंग का स्तर और सुधरेगा.

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आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज सुनेंगे कि बहुप्रतीक्षित हाइड्रोजन कार भारत में अपना सफर शुरू कर चुकी है. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कल इसकी सवारी की. गडकरी इस एडवांस्ड कार में सवार होकर संसद पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि यह कार पूरी तरह से Eco friendly है और इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है.

यूपी को बिजली संकट से कैसे उबारेंगे ए.के. शर्मा?

कभी गौर किया है आपने, कितने दिन हो गए, जब कई घण्टे तक बिजली गुल रही हो. जी, अब 24 घण्टे बिजली की आदत लग गई है. वरना इस गर्मी के मौसम में तो हाल बेहाल रहता था. लेकिन बिजली जब से बढ़िया आने लगी, तो ये महंगी भी होती चली गयी और ये अपने आप में अलग समस्या बनी. फिर कोयले की कमी और दूसरी समस्याओं के साथ पॉवर कट होने लगा. अभी उत्तरप्रदेश में लोग इसी मुसीबत से जूझ रहे हैं, जहां पॉवर कट के साथ-साथ महंगी बिजली लोगों के माथे से पसीना छुड़ा रही है. योगी मंत्रिमंडल में, पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी एके शर्मा को दूसरे मन्त्रालयों के साथ ऊर्जा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है, ऐसे में कहा जा रहा है कि 5 महीने बाद ही राज्य में होने वाले निकाय चुनाव में एके शर्मा की असल परीक्षा होगी. तो बढ़े बिजली के दाम और उसपर बिजली कटौती की समस्या से किस तरह से जूझ रहे हैं लोग और इस परिस्थिति में नए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के लिए इस समस्या से निजात दिलवाना कितना बड़ा चैलेंज होगा?

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लौट रहा नौकरियों का कोविड से पहले वाला दौर?

कोविड में नौकरियों की समस्या की कितनी बढ़ गई थी ये सबने देखा था. बड़े- बड़े संस्थान छंटनी कर रहे थे. बड़ी संख्या में लोगों ने जॉब खो दी. वजह बस इतनी थी कि सरकारी पाबन्दियाँ लगीं तो काम कम हुआ. और काम कम हुआ तो कई कम्पनियों को घाटा हुआ. सो गाज गिरी नौकरियों पर. लेकिन अब कोविड की घटती पाबंदियों और कोरोना के कम होते असर के बीच स्थिति सुधर रही है. नौकरी हायरिंग आउटलुक सर्वे में अनुमान जताया गया है कि जून तक नौकरियों और हायरिंग का स्तर और सुधरेगा. और प्री पैंडेमिक स्तर तक पहुंच जाएगा. यानी हायरिंग की स्थिति जून तक वैसी ही हो जाएगी जैसे कोविड पैंडेमिक के पहले थी. तो किस सेक्टर से सबसे ज्यादा उम्मीद की जा रही है कि यहां हायरिंग सबसे ज्यादा होगी? कितने तक के अनुभव वाले कैंडिडेट्स के सबसे ज्यादा चुने जाने की बात कही जा रही है?

भारत में कब तक आएंगी हाइड्रोजन कारें?

अब भारतीय सड़कों पर भी जल्दी ही हाइड्रोजन कारें फर्राटा मारते दिखने वाली हैं.बहुप्रतीक्षित हाइड्रोजन कार भारत में अपना सफर शुरू कर चुकी है. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कल इसकी  सवारी की.गडकरी इस एडवांस्ड कार में सवार होकर संसद पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि यह कार पूरी तरह से Eco friendly है और इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है. इस कार को टोयोटा कंपनी के पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. अब इस कार की खासियत और क्या क्या है? और ये काम कैसे करती है? कब तक इसे आम आदमी के लिए लाने की तैयारी है? 

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इन खबरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

31 मार्च 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...
 

 

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