‘आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे – संसद का बजट सेशन आज से शुरू हो रहा है. बजट को लेकर ही तमाम बातें पिछले कई दिन से चल रही हैं. आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हो रहा ये सेशन 5 राज्यों के चुनावी माहौल में और महत्वपूर्ण हो जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए बजट सत्र को दो भागों में आयोजित किया जाएगा. पहला भाग 11 फरवरी को खत्म होगा. इसके बाद बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 14 मार्च से शुरू होकर आठ अप्रैल तक चलेगा. इसके अलावा संक्रमण को देखते हुए सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी उचित प्रोटोकॉल के तहत की गई है. वहीं दोनों सदनों का समय अलग- अलग रहेगा. राज्यसभा सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक और लोकसभा शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी.
इस बार के बजट सेशन में नया ये है कि इस बार बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में 31 व एक जनवरी को शून्य काल स्थगित रहेगा. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण व आम बजट की प्रस्तुति के कारण ऐसा किया गया है.सरकार इस सेशन को चुनावों से ठीक पहले आए लोगों को लुभाने के लिए एक मौके की तरह देखेगी. वहीं विपक्ष चाहेगा कि वो सरकार की घेराबंदी कर सके. कल ममता बनर्जी ने इसी सेशन में अपनी पार्टी की रणनीति को लेकर बैठक भी की. उधर पेगासस मुद्दा एक बार और केंद्र में है. क्यों है, ये हम अभी विस्तार से बता देंगे.विपक्ष इसे भी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा ही. तो अब इस बजट सत्र में क्या होने जा रहा है? बीते लंबे समय से हंगामे की ख़बरें दे रहे हर सेशन के बीच इस सेशन में हंगामे के कितने आसार हैं? और विपक्ष के मुद्दे क्या रहने वाले हैं इस सत्र के दौरान?
पंजाब कांग्रेस में सीएम कैंडिडेट को लेकर चल रहे टसल के बीच कल खबर आई कि मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले चन्नी चमकौर साहिब जो उनकी सीट रही है वहीं से लड़ रहे थे. कल आई सूची में ये स्पष्ट हुआ कि चन्नी भदौर विधानसभा क्षेत्र से भी मैदान में होंगे. चन्नी के दो सीटों से लड़ने के ऐलान के बाद उस चर्चा को और बल मिल गया कि कांग्रेस पंजाब में चन्नी के चेहरे के साथ ही मैदान में उतरेगी. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है. पिछले दिनों पंजाब दौरे पर आए राहुल गांधी ने कहा था कि हम जल्द ही सीएम कैंडिडेट का ऐलान कर देंगे. खैर, इधर चन्नी दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.
उधर सिद्धू के लिए उनकी एक ही सीट मुसीबत बनी हुई है. अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे सिद्धू पर क्षेत्र से गायब रहने का आरोप है तो दूसरी तरफ अकाली दल से विक्रम मजीठिया बतौर उम्मीदवार आफत बन कर आ गए हैं. तो इस बार के चुनाव में कितनी मुश्किल होने जा रही है सिद्धू के लिए अमृतसर ईस्ट की सीट? विक्रम सिंह मजीठिया को उतारा है अकाली दल ने सिद्धू के सामने. मजीठिया कितनी बड़ी चुनौती हैं सिद्धू के लिए? कांग्रेस की चन्नी को दो सीटों से लड़ने के पीछे क्या मंशा है? कहीं ये चन्नी को सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने के दिशा में एक कदम तो नहीं?
पेगासस स्पाइवेयर मामले पर न्यूयॉर्क टाइम्स की नई रिपोर्ट ने कड़ाके की ठंड में भी दिल्ली का सियासी तापमान बढ़ा दिया .न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी पड़ताल के हवाले से छापा है कि इजराइल सरकार ने भारत को पेगासस की तकनीक बेची थी. 5 राज्यों में चुनाव से ऐन पहले इस खुलासे ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमले करने की वजह दे दी है. कांग्रेस ने पीएम मोदी औऱ बीजेपी पर करारा हमला करते हुए पूछा है कि क्या पीएमओ इन खुलासों पर कोई जवाब देगा? पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत इजराइल सम्बन्धों पर कहा कि ये वक्त दोनों मुल्कों के सम्बन्धों को आगे ले जाने का है तो कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने इसे पेगासस से जोड़ कर उन पर तंज कर दिया उन्होने कहा कि हो सकता है पीएम भारत इजराइल सम्बन्धों को पेगासस के नए वर्जन को खरीदकर आगे ले जाना चाहते हैं. इसी हो हल्ले के बीच कल से संसद का बजट सेशन भी है. इसमे भी ये मुद्दा ग़दर काटेगा ही. और तो और मामला सुप्रीम कोर्ट में एक बार और पहुंच गया है. दरअसल याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा ने न्यूयॉर्क टाइम्स के इस रिपोर्ट को आधार बना कर कोर्ट में याचिका डाली है, तो इसमे क्या मांग की गई है? याचिका डालने वाले वकील एमएल शर्मा का पक्ष क्या है?
बीते कई रोज से रूस के रवैये पर अमेरिका कहता रहा कि यूक्रेन घने संकट में है. युद्ध किसी भी वक्त छिड़ सकता है. अमेरिका ने नाटो देशों से भी इस मामले में हस्तक्षेप की उम्मीद लगाई थी. इसी बीच यूक्रेन की तरफ से बयान भी आया है. यूक्रेन ने कहा कि हमें अपनी तरफ बढ़ रहे खतरे की चिंता है लेकिन पश्चिमी देश और अमेरिका जिस हिसाब से बार बार युद्ध के खतरे की बात कर रहे हैं वो ठीक नहीं हैं. हम हमारे आसपास क्या हो रहा है इसकी पूरी जानकारी है. अमेरिका की मदद के लिए शुक्रिया लेकिन इस तरह से पैनिक न क्रिएट करें. यूक्रेन के इस बयान के बाद यूक्रेन-रूस विवाद में नया मोड़ आया. कहा जाने लगा कि स्थिति को हद से ज्यादा बड़ा चढ़ाकर पेश कर के अमेरिका और अन्य देश रूस से अपनी खुन्नस मिटा रहे हैं.तो यूक्रेन को ये बयान देने की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या अमेरिका वाकई मामले को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहा है?
इन खबरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ
31 जनवरी 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...