भारतीय सेना में पहली बार महिला अधिकारियों को कर्नल बनाया जाएगा. इसके लिए सोमवार को प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. जिसमें 108 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर प्रमोशन दिया जाएगा. सेना के सूत्रों ने आजतक को बताया कि यह पहली बार है कि जब भारतीय सेना में इंजीनियर्स, मिलिट्री इंटेलिजेंस, आर्मी एयर डिफेंस, आयुध और सेवा सहित शाखाओं में कमांड भूमिकाओं के लिए महिला अधिकारियों का चयन किया जाएगा.
सेना का यह कदम सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट में महिला अधिकारी को शामिल किए जाने के तुरंत बाद उठाया गया है. जिसके बाद सेना के लगभग सभी विभागों में महिलाओं को समान अवसर दिए जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना के विभिन्न विभागों में महिलाएं गर्व और आत्मविश्वास से सेवाएं दे रही हैं. महिला अधिकारियों को भी उनके पुरुष समकक्षों के बराबर अवसर दिए जा रहे हैं. कर्नल रैंक में टेनेंट कमांड असाइनमेंट के लिए महिला अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया प्रगति पर है.
बता दें कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए एक वर्ष में महिला कैडेटों के लिए 20 वैकेंसी निर्धारित की गई हैं. इसके अलावा, ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमियों में एसएससी महिला अधिकारियों के लिए 80 वैकेंसी जारी की जाती हैं. सेना उड्डयन कोर की फ्लाइंग शाखा में महिला अधिकारियों की सीधी कमीशनिंग 2022 से शुरू हुई है.
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय सेना के फायर एंड फुरी कॉर्प्स (Fire and Fury Corps) की महिला अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात किया गया है. कैप्टन शिवा 15,632 फीट की ऊंचाई पर मौजूद कुमार पोस्ट (Kumar Post) पर ड्यूटी कर रही हैं. भारतीय सेना ने पहली बार किसी महिला अधिकारी को इस खतरनाक पोस्ट पर तैनात किया है.
फायर एंड फुरी कॉर्प्स ने ट्वीट करके बताया था कि कैप्टन शिवा चौहान फायर एंड फुरी सैपर्स हैं. वह कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली भारतीय महिला हैं. यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है. कैप्टन शिवा ने इस जगह की तैनाती से पहले काफी कठिन ट्रेनिंग पूरी की है. फायर एंड फुरी कॉर्प्स का मुख्यालय लेह में है. यह सेना के उत्तरी कमांड के तहत आता है. इनकी तैनाती चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है. साथ ही ये सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हैं.