योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी चिकित्सा और डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. हालांकि इस मामले में योग गुरु सफाई दे चुके हैं, लेकिन डॉक्टर्स संतुष्ट नहीं हैं. आज देशभर में एलोपैथी डॉक्टर्स के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसकी अलग-अलग तस्वीरें सामने आई हैं. (फोटोज-Kumar Kunal/Sneha/Aneesha )
राजधानी दिल्ली में स्थित एम्स भी इस प्रदर्शन में शामिल है. एम्स के रेसिडेंट डॉक्टर्स ने ब्लैक डे का समर्थन किया है. वह भी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान ध्यान ये भी रखा जा रहा है कि, कि इस प्रदर्शन का असर मरीजों पर नहीं पड़े.
इस प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर अपनी बाह पर काली पट्टी बांधे हुए नजर आए, तो वहीं कुछ अस्पतालों के डॉक्टर योग गुरु के खिलाफ प्लेकार्ड भी थामे हुए नजर आए.
इसके साथ वॉट्सऐप पर अपनी डीपी को काला किया गया है. डॉक्टरों का मानना है कि रामदेव ने बयान देकर सरकार के वैक्सीनेशन के खिलाफ झूठ और भ्रम फैलाने का काम किया है.
फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने ऐलान किया है कि उनके सभी सदस्य डॉक्टर देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्लैक डे मनाएंगे. इस दौरान सभी हेल्थवर्कर्स पीपीई किट पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, लेकिन मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने देंगे.
एलौपेथ के मुद्दे पर योगगुरु रामदेव और डॉक्टर्स आमने-सामने हैं. बीते कुछ दिनों में रामदेव के कई ऐसे बयान सामने आए हैं, जिनसे देश के डॉक्टर्स खफा हैं.
टीकाकरण और एलोपैथी पर दिए गए बाबा राम देव के बयान से नाराज संगठन ने बाबा के खिलाफ कारवाई न होने की दशा में विरोध तेज करने को ऐलान किया है.
कोरोना की ड्यूटी में लगे सभी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ पीपीई किट पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं.
रामदेव ने अपने एक बयान में एलौपेथी का मजाक उड़ाया था और दावा किया था कि इससे लोगों की जान भी जा रही हैं. हालांकि, बाद में जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने अपना बयान वापस लिया.