वो दौर ही अलग था, जब महीनों-महीनों चिट्ठियों के इंतजार में गुजर जाते थे और अपनों की खैरियत के लिए दिल बेताब रहता था. फिर गली में डाकिया का आना भी किसी त्योहार से कम नहीं होता था.. डाकिया की आवाज सुनते ही लोगों का घरों की चौखट पर आना और अपनों की चट्ठी को सबसे पहले लेने की अलग ही चाहत होती थी.
लेकिन इन सबमें "डाकिया" भी अपने आपमें किसी कहानी से कम नहीं. आज हम आपको एक ऐसे ही पोस्टमैन की कहानी बता रहे हैं, इनका नाम है, डी सिवन (D Sivan).
डी सिवन नाम के ये पोस्टमैन 30 साल की सर्विस के बाद रिटायर हो गए हैं. नेशनल पोस्ट डे के मौके पर रेलवे मिनिस्टर ने डी सिवन की निष्ठा और मेहनत को सराहा है. रेलवे मिनिस्टर ने डी सिवन का एक वीडियो जारी किया है और उनकी मेहनत की सराहना की है.
“डाकिया डाक लाया”
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 9, 2023
सेवा और समर्पण की भावना को salute! pic.twitter.com/NKseEL4ayH
डी सिवन को रियल हीरो बताया गया है. पोस्टमैन का ये सफर खासा कठिनाई भरा रहा क्योंकि इस दौरान वो घने जंगलों और कठिन इलाक़ों से गुजरते थे.
उन्होंने जंगली जानवरों द्वारा किए जाने वाले संभावित हमलों का भी सामना किया मगर काम से कभी वो पीछे नहीं हटे और तीस साल तक लोगों तक उनके अपनों का प्यार पहुंचाते रहे.
डी सिवन तमिलनाडु के पहाड़ी इलाकों में चिट्ठियां पहुंचाने के लिए 15 किलोमीटर का पैदल सफर करते थे. इस दौरान उन्हें कई खतरनाक रास्तों से होकर गुजरना पड़ता था लेकिन उन्होंने अपने काम कभी कोई कोताही नहीं की.