पुणे शहर में जनवरी से मई के बीच साइबर अपराधियों द्वारा लगभग ₹9 करोड़ की ठगी की गई है, जिसमें 'डिजिटल अरेस्ट' एक प्रमुख कार्यप्रणाली है. वर्ष 2025 में पुणे में इस तरह की लगभग 21 घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें पीड़ितों को फोन पर यह बताया जाता है कि "उनका जो अकाउंट है वो मनी लॉन्डरिंग के लिए यूज़ हुआ है या किसी स्कैम में यूज़ हुआ है." देखें ये रिपोर्ट.