महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा हुई. इसमें मीरा रोड और ठाणे में हुई घटनाओं को अपवादात्मक बताया गया. एक वक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी का विरोध पहली से पांचवीं तक हिंदी को अनिवार्य करने के खिलाफ था, जिसे सरकार ने वापस ले लिया. इस जीत के उपलक्ष्य में पांच तारीख को एक रैली का आयोजन किया गया है, जिसका एजेंडा सिर्फ मराठी है और इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए.