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पत्नी का हत्यारा 23 साल बाद गिरफ्तार, पैरोल पर जेल से बाहर आकर हो गया था फरार

साल 1995 में पत्नी को जिंदा जलाने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद उस शख्स को सूरत की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. साल 1999 पर पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद हत्यारा फरार हो गया और महाराष्ट्र में अपनी पहचान छुपाकर बीते 23 सालों से रह रहा था.

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23 साल बाद हत्यारा दोबारा गिरफ्तार
23 साल बाद हत्यारा दोबारा गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हत्यारा 23 सालों बाद दोबारा पकड़ा गया
  • पत्नी की हत्या के मामले में कोर्ट ने दी थी उम्र कैद की सजा

गुजरात के वडोदरा जेल से फरार हुए एक कैदी को महाराष्ट्र की उल्हासनगर क्राइम ब्रांच ने करीब 23 सालों बाद गिरफ्तार कर लिया है. क्राइम ब्रांच द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक रमेश तायडे नाम के व्यक्ति ने साल 1995 में गुजरात के सूरत में अपनी पत्नी को जिंदा जला दिया था.

दरअसल पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद होने के बाद उसने अपनी पत्नी को जिंदा जला दिया था. इस मामले में सूरत शहर के थाने में मामला दर्ज हुआ था और धारा 498 (ए), 302 के तहत उसे गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सूरत की एक कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. 

इसके बाद से पत्नी के कत्ल में दोषी रमेश वडोदरा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. इस दौरान साल 1999 में वो पैरोल पर जेल से रिहा हुआ लेकिन उसके बाद फरार हो गया. 

लगभग 23 सालों से पुलिस को उसकी तलाश थी. इस बीच रमेश महाराष्ट्र के उल्हासनगर में रह रहा था जिसकी जानकारी पुलिस को मिली थी. इसके बाद उल्हासनगर क्राइम ब्रांच ने उसे हिरासत में ले लिया है. आगे की कार्रवाई के लिए उसे गुजरात पुलिस के हवाले किया जाएगा.

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अधिकारी ने बताया कि वह अपनी पहचान छुपाकर एक निजी कंपनी में काम कर रहा था. सूचना के आधार पर सोमवार तड़के करीब 4 बजे जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

उल्हासनगर अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल मंगले ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद अब कैदी को वडोदरा जेल के जेलर को सौंप दिया जाएगा.

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