पुलवामा हमले की वर्षी पर पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित हुए. कहीं लोगों ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर पुलवामा के शहीदों को याद किया तो कहीं कैंडल मार्च निकाला गया. कहीं बैनर लगा दिया गया, जहां पहुंचकर लोगों ने कैंडल जला शहीदों को याद किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. महाराष्ट्र के वाशिम जिले में भी पुलवामा के शहीदों को याद किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
वाशिम जिले के करंजा शहर में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की ओर से पुलवामा के शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. शहर के लोग पहुंच रहे थे और कैंडल जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे. इसी बीच वहां से एक बारात गुजर रही थी. रात के करीब 8 बजे बैंड-बाजे के साथ गुजर रही बारात रुक गई.
दूल्हा सुनील ढोके की नजर जैसे ही पुलवामा के शहीदों के बैनर पर पड़ी, ढोके ने बैंड-बाजा बंद करा दिया. दूल्हा खुद घोड़ी से नीचे उतर आया. सबकी नजरें उसी तरफ ठिठक गईं. घोड़ी चढ़ा दूल्हा नीचे उतरा और श्रद्धांजलि सभा की ओर चल पड़ा. दूल्हे के साथ कुछ बाराती भी हो लिए. दूल्हे ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद बारात आगे बढ़ी.
दूल्हे के इस कदम की वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर सराहना की. पुलवामा के शहीदों की याद में लोगों ने दो मिनट का मौन भी रखा. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 41 जवान शहीद हो गए थे. 14 फरवरी को पुलवामा हमले की दूसरी बरसी थी.