टीवी पत्रकार पांडुरंग की मौत के मामले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, जंबो अस्पताल के इंचार्ज हेड ने पांडुरंग और अन्य कोविड रोगियों को जीवन रक्षक दवाओं के बगैर ही मरने के लिए छोड़ दिया. इसका एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया है.
पांडुरंग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि इस मामले में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. वहीं अब एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई है, जिसमें अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की कमी की बात कही जा रही है.
महाराष्ट्र के पुणे में जंबो कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ. गुप्ता और जंबो अस्पताल की ही दो महिला डॉक्टर के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सामने आया है. इस ऑडियो में सुना जा सकता है कि महिला डॉक्टर्स के जरिए डॉक्टर गुप्ता को कहा गया कि अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइयां, इंजेक्शन नहीं है और 4 कोविड रोगियों की मौत हो गई है क्योंकि वे उन्हें जीवन रक्षक दवाएं नहीं दे सके.
इसके बाद डॉ. गुप्ता महिला डॉक्टर को चिल्लाकर कहते हैं कि अगर पीएमसी का स्वास्थ्य विभाग दवा नहीं दे रहा है तो वह इसके लिए क्या कर सकते हैं. डॉ. गुप्ता ने जोर देकर कहा, 'अगर मरीज मर रहे हैं तो उन्हें मरने दो, बस अनदेखा करो.' हालांकि दोनों डॉक्टर इस कृत्य में शामिल होने से इनकार करते हैं.
अधिकारियों का दबाव
महिला डॉक्टर्स डॉ. गुप्ता से आग्रह करते हुए कहते हैं कि अगर सुविधाएं नहीं है तो फिर क्यों अस्पताल कोविड मरीजों को भर्ती कर रहा है? जिसके जवाब में डॉ. गुप्ता कहते हैं कि पीएमसी के अधिकारियों का जबरदस्त दबाव है. इसके साथ ही डॉक्टर गुप्ता को महिला डॉक्टर कहती हैं कि वॉशरूम, शौचालय की सफाई भी नहीं हो रही है. सफाई कर्मचारी इसे साफ नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद डॉ. गुप्ता का कहना है कि वह हर मामले को नहीं देख सकते हैं.