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सबको रोटी दिख रही है, रमजान में मुसलमानों की ओर से किए गए बलात्कार नहीं: उद्धव ठाकरे

शिवसेना सांसदों के मुस्लिम युवक को जबरन रोटी ठूंसने का मामला संसद तक गरमाता जा रहा है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने अखबार सामना में छपे संपादकीय में सवाल किया है कि रमजान के महीने में कुछ मुसलमान युवक महिलाओं का बलात्कार करते हैं. इस घटना पर कोई कुछ क्यों नहीं कहता है.

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एक बार फिर अपने सांसदों का बचाव करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में सवाल किया है कि रमजान  महीने में कुछ मुसलमान युवक महिलाओं का बलात्कार करते हैं. इस घटना पर कोई कुछ क्यों नहीं कहता है.

अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, उद्धव ने संपादकीय में रोटी विवाद को तूल दिए जाने की बात की. उद्धव ठाकरे ने कहा, रोटी खिलाने वाले मामले को जबरदस्ती तूल दिया जा रहा है. रमजान महीने में कुछ मुस्लिम युवक महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं. सभी इस बारे में जानते हैं. मीडिया, राजनीतिक पार्टियां बलात्कार की इन घटनाओं पर तो शांत रहते हैं लेकिन रोटी मामले में नहीं.

इस संपादकीय लेख में अफगानिस्तान और बेंगलुरु में हाल के दिनों में हुए बलात्कारों की लिस्ट भी दी गई है. मीडिया और नेताओं पर आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने लिखा, मीडिया और स्वार्थी नेता इस घटना पर तो रोते दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्हें रमजान के पवित्र महीने में अफगानिस्तान में 10 साल की बच्ची के साथ मौलवी के बलात्कार की घटना नहीं दिख रही है.

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संपादकीय के मुताबिक,बेंगलुरु में रोजे के दौरान एक मुस्लिम शिक्षक ने बच्ची के साथ रेप किया. पर नेताओं ने ऐसी किसी भी घटना के बाद संसद में न तो कोई बहस की, न ही मीडिया ने कोई सवाल उठाया.

सांसदों पर लगे आरोपों का बचाव करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, किसी आदमी के माथे पर नहीं लिखा होता कि वह किसी जाति या धर्म का है. सांसद सिर्फ महाराष्ट्र सदन की खराब व्यवस्था, कमिश्नर बिपिन मलिक और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का विरोध कर रहे थे. हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं. सभी को अपने धर्म को दिल से मानने की आजादी है.

उद्धव ने चुनौती देते हुए लिखा, अगर धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे और शिवसेना को बदनाम करने के लिए किया गया तो वह लोग समझ लें कि उनका सामना शिवसेना से है. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सदन कमिश्नर बिपिन मलिक के इस्तीफे की मांग की. उद्धव ने कहा, विचारे ने अपनी हरकत के लिए माफी मांग ली है. मलिक को उनके पद से बर्खास्त कर देना चाहिए.

इस मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, घटना को देखकर नहीं लगता है कि विचारे ने जानबूझकर मुस्लिम युवक का रोजा तोड़वाने की कोशिश की. गौरतलब है कि इस मामले के सामने आ जाने के बाद से संसद में भी दो दिनों से हंगामा हो रहा है.

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