मुंबई के चर्चित शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को अब जेल में हरी साड़ी पहननी पड़ेगी. अदालत ने इस बाबत एक आदेश दिया है. पहले इंद्राणी मुखर्जी ने जेल अधिकारियों के इस आदेश पर आपत्ति जताई थी और सीबीआई की विशेष अदालत के सामने इस आदेश के खिलाफ गुहार लगाई थी. लेकिन अदालत ने नियमों के अनुसार जेल अधिकारियों के आदेश को सही पाया.
इंद्राणी मुखर्जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत को कहा था कि जेल अधिकारियों ने उसे जेल में एक विशेष ड्रेस कोड का पालन करने को कहा है. इस ड्रेस कोड के तहत इंद्राणी मुखर्जी को एक हरी साड़ी पहनने के लिए दी गई थी. लेकिन इंद्राणी ने अदालत को बताया कि पिछले पांच साल में जेल में वह इस तरह के कपड़े कभी नहीं पहनी है. उसने अदालत को कहा कि ड्रेस कोड सिर्फ दोषियों के लिए होता है इसलिए उसे इस तरह के कपड़े को पहनने से छूट दी जा सकती है.
इंद्राणी ने जेल प्रशासन के सामने एक आवेदन दिया. इसके जवाब में जेल प्रशासन ने कैद के दौरान वस्त्र और बिस्तर से जुड़े नियमों को बताते हुए उन्हें कानूनी दस्तावेज भेजे हैं.
प्रिजन रूल के चैप्टर 33 में लिखा है कि एक क्लास -2 स्तर का कैदी जो कि उम्र कैद, सश्रम कारावास या फिर मृत्युदंड या जो अंडर ट्रायल है और जिस पर हत्या का आरोप है उसे नियम 5 के वर्णित कपड़े ही मुफ्त में पहनने को दिए जाएंगे.
इंद्राणी इस वक्त अंडर ट्रायल कैदी है, उस पर सेक्शन 302 के तहत हत्या का मुकदमा चल रहा है. प्रिजन रूल नियम 5, चैप्टर 33 के तहत इंद्राणी को 5.48 मीटर लंबी और 106 सेंटीमीटर चौड़ी साड़ी पहनने को दिया जाएगा.
इस मामले में जज जयेंद्र सी जगदले ने दोनों ओर के तर्क सुने और कहा कि इंद्राणी पर निश्चित रूप से नियम 4(1) लागू होता है. जज ने कहा कि बायकूला जेल के अधिकारी नियमों के अनुसार उसे सही ड्रेस कोड पहनने को दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये इंद्राणी मुखर्जी द्वारा दिया गया आवेदन खारिज किया जाता है.