भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेड़े ने अभिनेत्री राखी सावंत और उनके वकील अली काशिफ खान देशमुख के खिलाफ डिंडोशी सिविल कोर्ट में दायर मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है. मुकदमे में वानखेड़े ने 11.55 लाख रुपये का हर्जाना और मानसिक पीड़ा तथा निरोधक आदेश की मांग की थी.
बताया जा रहा है कि समीर वानखेड़े निजी कारणों के चलते इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते और इसी वजह से उन्होंने अपनी शिकायत को वापस ले लिया है.
शिकायत वापसी के बारे में बोलते हुए देशमुख ने कहा, "हमने अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है और एक-दूसरे के भविष्य की संभावनाओं के लिए तत्पर हैं और आपस में लड़ने के बजाए वास्तविक छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसका एक उदाहरण देखा जा सकता है कि मैं राजनेता नवाब मलिक के खिलाफ उनकी बहन एडवोकेट यास्मीन वानखेड़े के आपराधिक मामले को भी देख रहा हूं."
वानखेड़े ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर के तौर पर एक क्रूज पर ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कई जानी-मानी हस्तियां पकड़ी गई थीं. देशमुख इस मामले में एक आरोपी मुनमुन धमेचा का प्रतिनिधित्व करते हैं और यहीं उनकी मुलाकात हुई थी. देशमुख ने राखी सावंत के कुछ कानूनी मामलों में उनका प्रतिनिधित्व भी किया है.
अपने मुकदमे में वानखेड़े ने कहा था कि देशमुख ने समाचार चैनलों को दिए इंटरव्यू में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर आपत्तिजनक और निराधार कंटेंट पोस्ट किया था. सावंत ने वकील द्वारा संलग्न दस्तावेजों समेत उनके सोशल मीडिया पोस्ट को फिर से पोस्ट किया था.
वहीं, जब वानखेड़े ने कहा था कि वह मुकदमा वापस लेना चाहते हैं तो उस वक्त कोर्ट ने उन्हें और देशमुख को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर ये बताने का निर्देश दिया था कि उनके बीच सौहार्दपूर्ण समझौता हो गया है.