
कोरोना महामारी और फिर उसकी वजह से लॉकडाउन ने देश में होटल-रेस्टोरेंट का कारोबार चौपट कर दिया. अनलॉक के कई दौर के बाद रेस्टोरेंट खुले तो सही लेकिन ग्राहकों का टोटा फिर भी बना रहा. ऐसे में पुणे से सटे क्षेत्र में स्थित एक रेस्टोरेंट के मालिक ने ऐसा फंडा अपनाया कि अब उसके यहां हर वक्त कस्टमर्स की भीड़ लगी रहती है. यहां खाने के लिए अब बारी का इंतजार करना पड़ता है.
वडगांव मावाल क्षेत्र में स्थित शिवराज रेस्टोरेंट के मालिक अतुल वाईकर भी अन्य रेस्टोरेंट्स की तरह कोरोना काल में बिजनेस बहुत मंदा पड़ जाने से परेशान थे. लॉकडाउन के बाद सरकार ने रेस्टोरेंट कारोबार शुरू करने का आदेश जारी किया. लेकिन कोरोना को लेकर ग्राहकों के बीच खौफ बना रहा. लोग रेस्टोरेंट में आकर खाने से कतराते रहे.

ग्राहकों की कमी की वजह से रेस्टोरेंट के रखरखाव और स्टाफ का खर्चा निकालने में भी दिक्कत आने लगी. ऐसे में शिवराज रेस्टोरेंट के मालिक अतुल वाईकर के दिमाग में एक ‘बुलेट आइडिया’ आया.
वाइकर ने कस्टमर्स के लिए पेशकश में कहा कि जो भी उनके रेस्टोरेंट की स्पेशल भारीभरकम थालियों में परोसे गए सारे खाने को सफाचट करेगा, उसे दो लाख रुपए कीमत की चमचमाती बुलेट इनाम में दी जाएगी. स्पेशल थाली खाने वाले के लिए शर्तें ये हैं कि उसे अकेले ही खाना पड़ेगा. साथ ही उसे पूरी थाली खत्म करने के लिए 60 मिनट मिलेंगे.

सोशल मीडिया पर जब ‘बुलेट थाली’ की चर्चा हुई तो अब पुणे ही नहीं महाराष्ट्र के दूसरे शहरों के लोग भी शिवराज रेस्टोरेंट में इस शर्त को जीतने का सपना ले कर आने लगे. कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए वाईकर ने रेस्टोरेंट के बाहर ही 6 नई बुलेट बाइक्स खड़ी कर रखी हैं. इन्हें देखकर हर किसी का इन्हें शर्त में जीतने का दिल करता है लेकिन स्पेशल थाली में खाना इतनी मात्रा में होता है कि खाते-खाते हिम्मत पस्त होने लगती है.
रेस्टोरेंट में छह तरह की थाली परोसी जाती है. हर थाली का दाम 2500 रुपए है. इन थालियों में बुलेट थाली के अलावा स्पेशल रावण थाली, मालवानी फिश थाली, पहलवान मटन थाली, बकासुर चिकन थाली और सरकार मटन थाली. सारी थाली मांसाहारी हैं. होटल मालिक के मुताबिक अभी तक सिर्फ एक ही शख्स ने एक घंटे के अंदर थाली पूरी तरह सफाचट कर बुलेट जीती है. खाने के इस धुरंधर का नाम है सोमनाथ पवार जो सोलापुर जिले के बारशी शहर के रहने वाले हैं.

फिलहाल रेस्टोरेंट मालिक का ये बुलेट फंडा कोरोना काल में सुस्त पड़ गए उनके कारोबार को रफ्तार दे रहा है. कुछ ही कस्टमर्स थाली चैलेंज लेने के लिए यहां आते हैं लेकिन अधिकतर जिज्ञासा के तहत यहां आते हैं. उनका मकसद दूसरों को ये चैलेंज लेते हुए देखना होता है. अन्य कस्टमर्स के लिए रेस्टोरैंट में थाली के अलावा खाने के और विकल्प भी मौजूद हैं.