लोकसभा चुनाव में करारी हार और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र सरकार मुसलमानों को रिझाने के लिए रिजर्वेशन कार्ड फेंकने की तैयारी में है. कांग्रेस-एनसीपी नीत सरकार शिक्षा क्षेत्र और सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के लिए 4.5 फीसदी रिजर्वेशन का ऐलान कर सकती है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने यह खबर दी है.
बताया जाता है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुसलमानों और मराठों के लिए सामाजिक आरक्षण की जोरदार वकालत की, जिसके बाद यह फैसला लिया गया. महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
महाराष्ट्र में हैं 10.6 फीसदी मुसलमान
बताया जा रहा है कि पवार ने नई दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी और अहमद पटेल से मुलाकात में दो मांगे
रखी थीं, सामाजिक आरक्षण और लोकल बॉडी टैक्स का खात्मा. लोकल बॉडी टैक्स को सीएम पृथ्वीराज चह्वाण ने
शुरू किया था. पवार को दोनों नेताओं ने एनसीपी कांग्रेस गठबंधन को मजबूत बनाने पर चर्चा के लिए बुलाया
था.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 10.6 फीसदी मुसलमान हैं और मराठा करीब 35 फीसदी हैं. महमूद-उर-रहमान समिति ने मुसलमानों के लिए 8 फीसदी रिजर्वेशन की सिफारिश की थी. वहीं नारायण राणे ने मराठा समुदाय के लिए 20 फीसदी कोटे की मांग की थी.
अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है प्रदेश मंत्रिमंडल इस पर बुधवार तक फैसला ले सकता है. मंगलवार को काउंसिल इलेक्शन की आचार संहिता खत्म हो रही है. साथ ही, मराठा समुदाय के लिए भी सरकार 12 फीसदी रिजर्वेशन का ऐलान कर सकती है.