पुणे पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो खराड़ी स्थित प्राइड आइकॉन बिल्डिंग की 9वीं मंजिल पर चल रहा था. यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिली अंतरराष्ट्रीय शिकायत के आधार पर की गई. मंत्रालय के निर्देश पर पुणे साइबर पुलिस, क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो अभी भी फरार हैं. पुलिस ने इस मामले में कुल 123 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो कॉल सेंटर में अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर रहे थे.
संयुक्त पुलिस आयुक्त रंजन कुमार शर्मा ने बताया कि यह फर्जी कॉल सेंटर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता था. आरोपियों पर “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर जबरन पैसे वसूलने का आरोप है. पुलिस ने मौके से 41 मोबाइल फोन और 62 लैपटॉप बरामद किए हैं, जिनका उपयोग ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था.
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी मुख्य रूप से गुजरात के रहने वाले हैं, जबकि कुछ आरोपी महाराष्ट्र से भी जुड़े हो सकते हैं. मामले का मास्टरमाइंड करन शेखावत बताया जा रहा है. यह कॉल सेंटर 'Magnetal BPL & Consultancy' नाम से पिछले तीन महीनों से चल रहा था.
फिलहाल सभी 123 कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कौन-कौन इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह का सक्रिय हिस्सा था.