राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में कुपोषण से 600 बच्चों की मौतों संबंधी मीडिया रिपोर्ट्स का खुद ही संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को भेजे गए इस नोटिस में चार हफ्ते में विस्तृत जवाब मांगा गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल पालघर जिले में कुपोषण से 600 बच्चों की मौत हो चुकी है. कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में मोखाडा, जवार, वाडा और विक्रमगढ़ है.
आयोग का कहना है कि राज्य प्रशासन को लोगों, विशेष तौर पर बच्चों और वृद्धों की व्यथा को लेकर गंभीर होना चाहिए. आयोग के मुताबिक एक ही साल में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौतें होना गरीब पीड़ितों के जीने और स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है. आयोग ने कहा है कि ये इलाका आदिवासी बहुल है. यहां गरीबी, निरक्षरता के साथ ही सरकारी कल्याण और स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं को लेकर जागरूकता का अभाव है.
बता दें कि कुछ दिन पहले कोंच गांव में महाराष्ट्र के जनजातीय मंत्री विष्णु सावरा लोगों का हाल जानने के लिए गए थे तो उन्हें तीखे आक्रोश का सामना करना पड़ा था. एक महिला ने मंत्री को खूब खर-खारी सुनाते हुए मिलने से ही इनकार कर दिया था. इस महिला के दो साल के बच्चे की कुछ दिन पहले कुपोषण से मौत हुई थी.
इसके बाद महाराष्ट्र की महिला और बाल कल्याण विकास मंत्री पंकजा मुंडे को बुधवार को इस क्षेत्र में आना था तो जिला प्रशासन ने दो गांवों में धारा 144 लगा दी थी. प्रशासन ने ये कदम इसलिए उठाया कि कहीं कोई मंत्री का विरोध ना करे.