करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. कोर्ट शुक्रवार को चोकसी वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उसने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित करने की कार्रवाई खत्म करने की मांग की थी.
चोकसी, जो फ्रॉड मामलों के दौरान ही देश छोड़कर फरार हो गया था, इस समय भारतीय सरकार के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस की गिरफ्त में है. उसके वकीलों-विजय अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और जैस्मिन पुराणी ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि वह कस्टडी में है, इसलिए ED द्वारा उसे FEO घोषित करने की प्रक्रिया जारी नहीं रखी जा सकती.
ED ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि चोकसी भारत लौटने से बचने के लिए बेल्जियम में प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. एजेंसी ने बताया कि FEO प्रक्रिया तभी रुकती है जब आरोपी व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हो, जो चोकसी ने नहीं किया है. ED ने ज़ोर देकर कहा कि एप्लीकेशन में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.
बेल्जियम से भी झटका
चोकसी का भतीजा नीरव मोदी पहले ही FEO घोषित हो चुका है. FEO कानून के तहत किसी भी 100 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों में फरार आरोपी को अदालत FEO घोषित कर सकती है. FEO घोषित होते ही उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं.
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17 अक्टूबर को बेल्जियम की एक कोर्ट ने चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के अनुरोध को मंजूरी दी थी, लेकिन उसने इस आदेश को वहां की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. CBI और ED दोनों ही चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ उस 13,000 करोड़ रुपये के PNB घोटाले की जांच कर रही हैं जिसमें मुंबई की ब्रेडी हाउस शाखा के अधिकारियों को रिश्वत देकर LoU और FLC के ज़रिए विदेशी धनराशि siphon करने का आरोप है.
नीरव मोदी अभी लंदन की जेल में है और प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. स्पेशल जज ए.वी. गुजराती का विस्तृत आदेश अभी आना बाकी है.