महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. राज्य में बीते 24 घंटे में 27,918 कोरोना केस सामने आए हैं जबकि 139 मरीजों की मौत हो गई. आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो महाराष्ट्र में कोरोना केस घटे हैं. राज्य में 30 मार्च को 27,918 केस, 29 मार्च को 31,643 केस सामने आए थे. यानी राज्य में कोरोना के मामले में कमी आ रही है.
वहीं मुंबई में पिछले 24 घंटे में जानलेवा वायरस से संक्रमित 4758 नए मामले सामन आए हैं जबकि 10 मरीजों ने दम तोड़ दिया. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महानगर में कोरोना संक्रमण का डबलिंग रेट 50 दिन हो चुका है. कोरोना के हालात को देखते हुए सील की जाने वाली इमारतों की संख्या बढ़कर 600 से ज्यादा हो चुकी है. मुंबई में अब तक 602 इमारतों को सील किया जा चुका है.
मुंबई देश के उन 10 जिलों में शामिल हैं जहां कोरोना के एक्टिव मामले सबसे अधिक हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली में बताया कि पुणे (59,475), मुंबई (46,248), नागपुर (45,322), ठाणे (35,264), नासिक (26,553), औरंगाबाद (21,282), बेंगलुरु शहरी (16,259), नांदेड़ (15,171) , दिल्ली (8,032), अहमदनगर (7,952) वो जिले हैं जहां कोरोना के एक्टिव केस सबसे अधिक हैं.
महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है जहां सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों से एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक नए केस सामने आए हैं. देश में सामने आए 56,211 में 78.56 फीसदी मामले इन्हीं राज्यों से सामने आए हैं.
45 साल से अधिक आयु का व्यक्ति करा सकेगा टीकाकरण
एक अप्रैल से 45 वर्ष अधिक उम्र का कोई भी शख्स टीकाकरण करा सकता है. टीकाकरण के लिए http://cowin.gov.in के जरिये एडवांस अप्वॉइंटमेंट लिया जा सकता है. यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो आप 3 बजे के बाद अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र पर जा सकते हैं और वैक्सीनेशन के लिए ऑन-साइट रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
Union Health Secretary Rajesh Bhushan writes to Chief Secretaries and Administrators of all States/UTs, suggesting them action required at the district level in the wake of the #COVID19 situation. pic.twitter.com/I9Ax6f3NA2
— ANI (@ANI) March 30, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है. आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के अनुपात को भी बढ़ाने की आवश्यकता है.