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'अर्बन नक्सल पर फोकस करने की बजाय अर्बन प्लानिंग पर ध्यान दे सरकार', CM फडणवीस से मुलाकात के बाद बोले राज ठाकरे

सड़कों की बदहाली पर राज ठाकरे ने कहा कि सड़कें बनाना एक धंधा है. सड़कें इसलिए बनाई जाती हैं ताकि उनमें गड्ढे हों. फिर मरम्मत के लिए दूसरा टेंडर होता है, बाद में फिर नई सड़कें बनाई जाती हैं. अगर राजनीतिक दलों को पता है कि गड्ढे होने पर भी आप उन्हें वोट देंगे, तो वे आपको सड़कें क्यों देंगे?

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सीएम फडणवीस से मिले राज ठाकरे (File Photo: PTI)
सीएम फडणवीस से मिले राज ठाकरे (File Photo: PTI)

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने मुंबई की सड़कों, ट्रैफिक और अतिक्रमण का मुद्दा उठाया. राज ठाकरे ने सीएम फडणवीस से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिर्फ अडानी को जमीन देने से धारावी नहीं बदलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को अर्बन नक्सल पर ध्यान देने की बजाय अर्बन प्लानिंग पर ध्यान देना चाहिए.

'ट्रैफिक से पता चलता है शहर का भविष्य'

एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने कहा कि अर्बन प्लानिंग का मुद्दा मेरे लिए काफी अहम है और पिछले कुछ दिनों से इस बारे में लगातार मुख्यमंत्री से बात कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि किसी भी शहर के ट्रैफिक का हाल देखकर उस शहर के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसी भी शहर को ले लीजिए, मुंबई, थाने, पुणे, हर जगह प्लानिंग की समस्या है और जनसंख्या बढ़ी है.

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राज ठाकरे ने कहा कि हम कबूतरों और हाथियों के बीच फंस गए हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक पार्किंग उपलब्ध है, पार्किंग की दरें किफायती हैं. अगर आप पार्किंग की दरों पर गौर करें, तो वे कार की दरों के मुकाबले कुछ भी नहीं हैं. आज हम घरों के लिए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से भुगतान कर रहे हैं. क्या हमें पार्किंग के लिए प्रति वर्ग फुट भुगतान करना चाहिए? उन्होंने कहा कि लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए, वरना अराजकता फैल जाएगी. राज ठाकरे ने कहा कि कोस्टल रोड पर पार्किंग की योजना बनाई गई थी, लेकिन निवासियों ने इसका विरोध किया.

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'गड्ढों के लिए बनाई जाती हैं सड़कें'

सड़कों की बदहाली पर राज ठाकरे ने कहा कि सड़कें बनाना एक धंधा है. सड़कें इसलिए बनाई जाती हैं ताकि उनमें गड्ढे हों. फिर मरम्मत के लिए दूसरा टेंडर होता है, बाद में फिर नई सड़कें बनाई जाती हैं. अगर राजनीतिक दलों को पता है कि गड्ढे होने पर भी आप उन्हें वोट देंगे, तो वे आपको सड़कें क्यों देंगे? बाहर से आने वाले लोग मुंबई में गड्ढे देख सकते हैं, उनके शहर ऐसे गड्ढे में धंस गए हैं कि उन्हें दिखाई नहीं देते.

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राज ठाकरे अपने भाई उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर इस बार बीएमसी का चुनाव लड़ सकते हैं. हाल के दिनों में ठाकरे ब्रदर्स के बीच एकजुटता की कई तस्वीरों ने महाराष्ट्र के सियासी माहौल गर्म कर दिया है. वैसे तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की पार्टी MNS साल 2006 से एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं. लेकिन हाल के राजनीतिक बदलावों ने मुंबई में ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने के संकेत दिए हैं.

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