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रुक नहीं रही राज ठाकरे की मनसे की गुंडागर्दी, 'सिद्धार्थ लॉजिक' कोचिंग सेंटर संचालक को पीटा

महाराष्ट्र के कल्याण में 'सिद्धार्थ लॉजिक' कोचिंग सेंटर के संचालक सिद्धार्थ चंदेल पर छात्रों से 30-30 हजार रुपये लेकर ठगी का आरोप लगा है. छात्रों की शिकायत पर मनसे कार्यकर्ताओं ने क्लास में पहुंचकर उसकी पिटाई की और कुछ छात्रों के पैसे वापस दिलवाए. पैसे खत्म होने पर चंदेल को पुलिस के हवाले किया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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कोचिंग सेंटर के संचालक सिद्धार्थ चंदेल से मारपीट. (Photo: Mithileshkumar B Gupta/ITG)
कोचिंग सेंटर के संचालक सिद्धार्थ चंदेल से मारपीट. (Photo: Mithileshkumar B Gupta/ITG)

महाराष्ट्र के कल्याण में 'सिद्धार्थ लॉजिक' कोचिंग सेंटर के संचालक पर छात्रों से ठगी का आरोप लगने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी. छात्रों ने शिकायत की थी कि फीस लेकर भी गुणवत्ता वाली पढ़ाई नहीं हो रही थी. मारपीट के बाद संचालक को पुलिस को सौंपा गया. घटना ने फर्जी कोचिंग सेंटरों की हकीकत उजागर कर दी है.

दरअसल, कल्याण रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक कोचिंग क्लास 'सिद्धार्थ लॉजिक' संस्थान के संचालन कर रहे सिद्धार्थ सिंह चंदेल पर छात्रों से एमपीएससी और यूपीएससी की तैयारी के नाम पर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप लगा है. चंदेल खुद को जीएसटी इंस्पेक्टर बताकर छात्रों से भरोसा जीत रहा था, जबकि हकीकत में उसका कोई आधिकारिक पद नहीं था.

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बताया गया कि इस कोचिंग में लगभग 40 छात्र नामांकित थे और प्रत्येक से 30 हजार रुपये फीस ली गई थी. छात्रों का आरोप है कि क्लास में न तो कोई अनुभवी शिक्षक मौजूद था और न ही उच्च स्तर की पढ़ाई हो रही थी. हर लेक्चर में एक ही विषय को दोहराया जा रहा था, जिससे छात्रों को ठगे जाने का एहसास हुआ.

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ठगी से परेशान छात्रों ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के स्थानीय पदाधिकारियों से संपर्क किया. छात्रों की शिकायत के बाद मनसे कार्यकर्ता सीधे क्लास में पहुंचे और चंदेल से जवाब तलब किया. जवाब में गोलमोल बातें सुनकर कार्यकर्ताओं ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. बाद में कुछ छात्रों को उनकी फीस लौटाई गई, लेकिन जब पैसे खत्म हो गए तो चंदेल को पुलिस के हवाले कर दिया गया.

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मनसे का दावा है कि उनका मकसद छात्रों को न्याय दिलाना था, जबकि पुलिस अब इस पूरे मामले की कानूनी जांच कर रही है. इस घटना ने कोचिंग की आड़ में चल रहे कई फर्जीवाड़ों की ओर इशारा किया है. छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि इस प्रकार की संस्थाओं के खिलाफ प्रशासन सख्त कदम उठाए.

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