नागपुर के एक कारोबारी और उनके बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने अपनी मर्सिडीज कार पर नकली नंबर प्लेट लगाकर ट्रैफिक चालान से बचने की कोशिश की थी. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
एक साल से नकली नंबर प्लेट इस्तेमाल कर रहे थे
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कारोबारी का नाम हरीश देविचरण तिवारी (50) और उनके बेटे का नाम यश हरीश तिवारी (25) है. ये दोनों वर्धा रोड स्थित एक रिहायशी कॉलोनी में रहते हैं. असल में उनकी मर्सिडीज कार का असली रजिस्ट्रेशन नंबर MH-31/EX-9993 है, लेकिन करीब एक साल से वे उस पर नकली नंबर प्लेट MH-02/DZ-50610 का इस्तेमाल कर रहे थे. यह नंबर असल में मीरा रोड, मुंबई के निवासी हनीत सिंह अरोड़ा की मर्सिडीज का है.
यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब यह गाड़ी शहर के एक मॉल के पास नो-पार्किंग ज़ोन में खड़ी मिली. सोंनगांव ट्रैफिक ज़ोन के हेड कांस्टेबल सुरेंद्र पगारे ने जब नंबर को ई-चालान सिस्टम में स्कैन किया तो वह 'संदिग्ध' सूची में निकला. असली मालिक हनीत सिंह ने पहले ही शिकायत की थी कि उनकी कार नागपुर में नहीं है, फिर भी उन्हें वहां से ट्रैफिक चालान मिल रहे हैं.
नकली नंबर प्लेट पर चार बार चालान
जब पुलिस ने तिवारी और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया, तो वे गाड़ी के कागज़ात लाए बिना आए. इसके बाद पुलिस ने मर्सिडीज जब्त कर ली. जांच में पता चला कि इस नकली नंबर प्लेट पर पिछले एक साल में चार बार चालान जारी किए गए हैं.
पुलिस ने हरीश और यश तिवारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है, जिनमें धोखाधड़ी और जालसाजी भी शामिल हैं.
क्या हो सकता है जुर्माना
फर्जी (नकली) नंबर प्लेट लगाने पर भारत में बहुत सख्त कानूनी कार्रवाई और जुर्माना तय किया गया है. ऐसा करना न सिर्फ ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह एक आपराधिक अपराध (Criminal Offense) भी है.
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act) के तहत:
धारा 192 और 192A के तहत: फर्जी नंबर प्लेट लगाना अवैध पंजीकरण के अंतर्गत आता है.
इसके लिए 5,000 से 10,000 रुपये तक तक जुर्माना, और/या 3 महीने तक की जेल हो सकती है. वाहन को जब्त (seize) भी किया जा सकता है.