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महाराष्ट्रः उद्धव के करीबी मंत्री अनिल परब पर अवैध रिसॉर्ट बनाने के आरोप, जांच के लिए कमेटी बनी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और परिवहन मंत्री अनिल परब की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. राज्य सरकार ने रत्नाहिरी में एक जमीन के सौदे को लेकर लगे घोटाले के आरोपों की जांच शुरू कर दी है.

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परिवहन मंत्री अनिल परब (फोटो-ट्विटर)
परिवहन मंत्री अनिल परब (फोटो-ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परिवहन मंत्री अनिल परब पर आरोप
  • बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने लगाए आरोप
  • कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और परिवहन मंत्री अनिल परब की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. राज्य सरकार ने रत्नाहिरी में एक जमीन के सौदे को लेकर लगे घोटाले के आरोपों की जांच शुरू कर दी है.

जिला कलेक्टर ने सदस्यों की एक टीम बनाई है जो ये पता लगाएगी कि क्या रिसॉर्ट बनाते वक्त CRZ रेगुलेशन का उल्लंघन किया गया? या फिर ये किसी तरह का अवैध निर्माण तो नहीं है.

दरअसल, बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि अनिल परब ने रत्नागिरी जिले की दापोली तहसील में पड़ने वाले मुरुड गांव में एक शानदार रिसॉर्ट बनवाया है. इसको लेकर सोमैया ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को चिट्ठी भी लिखी थी. सोमैया ने आरोप लगाया था अनिल परब ने लॉकडाउन के दौरान गांव में रिसॉर्ट का निर्माण करवाया. 

जावड़ेकर को लिखी चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया था कि "अनिल परब ने धोखाधड़ी और जालसाजी से रत्नागिरी में दापोली के पास 10 करोड़ की लागत से रिसॉर्ट बनवाया है. ये रिसॉर्ट खेती की जमीन पर लॉकडाउन के दौरान बनाया गया." उन्होंने अनिल परब के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

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सोमैया के आरोपों के बाद कलेक्टर ने जिला परिषद के सीईओ और दापोली के एसडीओ की एक कमेटी बनाई है, जो इन आरोपों की जांच करेगी.

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ये पहली बार नहीं है जब अनिल परब किसी मुसीबत में फंसे हैं. मई में ही नासिक पुलिस कमिश्नर ने अनिल परब और 6 अधिकारियों के खिलाफ ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए थे.

ये जांच के आदेश नासिक आरटीओ से सस्पेंडेड मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के आरोपों की जांच के लिए दिए गए थे. उन्होंने अनिल परब पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के बदले करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

अनिल परब को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता है. उनकी गिनती शिवसेना के ताकतवर नेताओं में भी होती है. हालांकि, मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाजे ने जबसे उनपर 50 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं, तब से ही अनिल परब की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हालांकि, अनिल परब इन सब आरोपों को नकारते हैं.

 

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