इन दिनों एक हथिनी सुर्खियों में है. नाम है उसका माधुरी, जिसे लोग महादेवी भी बुलाते हैं. हाल में ही उसे बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर ‘माधुरी’ को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गुजरात के जामनगर में स्थित वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर 'वनतारा' शिफ्ट किया गया. जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. नतीजतन आज (मंगलवार) को महाराष्ट्र में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, गणेश नाईक, हसन मुश्रीफ, गिरीश महाजन, प्रकाश आबीटकर और नंदनी मठ के प्रतिनिधियों के साथ ‘माधुरी’ मामले पर एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में प्रकाश अवाडे, राजू शेट्टी, सतेज पाटिल, सदाभाऊ खोत और धैर्यशील माने जैसे नेता भी मौजूद थे.
इस बैठक में तय हुआ कि नंदनी मठ और फडणवीस सरकार सुप्रीम कोर्ट में ‘माधुरी’ को वापस लाने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. ताकि 36 साल की हाथी माधुरी जो कोल्हापुर के नंदनी मठ में बीते 34 सालों से रह रही थी.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने भरोसा दिलाया है कि ‘माधुरी’ के लिए एक विशेष पशु चिकित्सक टीम का गठन किया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट में ये योजना के बारे में बताया जाएगा. सरकार, नंदनी मठ के क़ानून लड़ाई में भी साथ देगी.
दरअसल, 16 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि माधुरी को वनतारा में शिफ्ट किया जाए. यह आदेश PETA इंडिया की ओर से हाथी की सेहत, गठिया और मानसिक तनाव को लेकर जताई गई चिंताओं के बाद दिया गया था. फिर 29 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को बरकरार रखा था.
माधुरी को वनतारा शिफ्ट किए जाने पर कोल्हापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और 2 लाख से अधिक लोगों ने उसके वापस लाने के लिए हस्ताक्षर किए. लोगों ने धार्मिक परंपराओं में उसकी पवित्र भूमिका का हवाला दिया.