आज पूरा देश करगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सूबे के 500 स्थानों पर मुफ्त में 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' फिल्म दिखाने का ऐलान किया है. करगिल विजय दिवस पर देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले को राजनीतिक विश्लेषक एक सियासी दांव मान रहे हैं. महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कोशिश लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक को भुनाने की होगी.
दरअसल, महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में सबकुछ बेहतर नहीं चल रहा है. शिवसेना ने मुख्यमंत्री के पद के लिए दावा ठोंका है. इस बीच बीजेपी ने सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव की तरह बीजेपी महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच अपने कामों के साथ पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक को भी लेकर जाएगी. इसकी शुरुआत करगिल विजय दिवस पर उरी फिल्म को दिखाने से हो रही है.
करगिल विजय दिवस पर सर्जिकल स्ट्राइक
1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ दिया था. 26 जुलाई 1999 को भारत ने करगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. करगिल युद्ध में भारतीय सेना के 500 से ज्यादा वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. करगिल युद्ध पर बॉलीवुड में 'बॉर्डर' फिल्म भी बनी थी. करगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर महाराष्ट्र सरकार ने 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' फिल्म को दिखाने का फैसला किया है. इस फिल्म में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों से 2016 में हुए उरी हमले का बदला लिया था.
विधानसभा चुनाव में गूंजेगा 'हाउ इज द जोश'
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, पाकिस्तान के खिलाफ हुई सर्जिकल स्ट्राइक को बॉलीवुड ने पर्दे पर क्या उतारा, इसका सबसे ज्यादा मोदी सरकार को हुआ. 2019 के चुनावों 'हाउ इज द जोश' का नारा गूंजा और बीजेपी 2014 की तुलना में 2019 में अधिक सीटों पर जीतने में कामयाब हुई. सर्जिकल स्ट्राइक को मोदी सरकार अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि मानती है. यही कारण है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अपने उस साहस भरे फैसले को जनता के बीच रख रही है.
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान
उरी फिल्म दिखाने का मुख्य मकसद मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच पर्दे के पीछे खींचतान भी है. कुछ दिन पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोकते हुए लिखा था कि महाराष्ट्र का अगला सीएम तो उनका ही होगा. शिवसेना ने कहा था, 'बीजेपी के कार्यकर्ताओं के सामने उनके नेता कहते हैं, 'चिंता मत करो, मुख्यमंत्री हमारा ही होगा.' यहां हम भी कहते हैं, 'अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा.'
फडणवीस ने कहा था, मैं ही वापसी करूंगा
शिवसेना के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, 'मैं सिर्फ बीजेपी का ही नहीं बल्कि शिवसेना, आरपीआई, राष्ट्रीय समाज पक्ष का भी मुख्यमंत्री हूं. जनता यह निर्णय करेगी कि कौन अगला मुख्यमंत्री होगा. आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. हमारा काम ही हमारे लिये बोलेगा. मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं ही वापसी करूंगा. कुछ लोग मुख्यमंत्री पद का मुद्दा उठा रहे हैं. उनके जाल में मत फंसिए. दोनों पार्टियों में ऐसे कई लोग हैं जो अनावश्यक बोलते रहते हैं.'
आदित्य ठाकरे ने निकाली 'जन अशीर्वाद' यात्रा
मुख्यमंत्री पद की खींचतान के बीच शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने 'जन अशीर्वाद' यात्रा की शुरुआत की. आदित्य ठाकरे ने 'नया महाराष्ट्र' बनाने का आह्वान किया. इस मौके पर आदित्य ठाकरे ने कहा था कि यह यात्रा आगामी चुनाव के मद्देनज़र वोट मांगने का अभियान नहीं है बल्कि उनके लिए 'तीर्थ यात्रा' है. जबकि संजय राउत ने आदित्य ठाकरे की तारीफ करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री का पद अगर शिवसेना को मिला तो ठाकरे इस पद पर काबिज होंगे.
अगले महीने फडणवीस भी निकालेंगे यात्रा
आदित्य ठाकरे के बाद विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अगले महीने राज्य की यात्रा शुरू करने जा रहे हैं, जो लगभग हर विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी. इस यात्रा का मकसद कार्यकर्ताओं में गर्मी भरना तो है ही, साथ ही उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने का एक तरह से औपचारिक ऐलान भी होगा. माना जा रहा है कि पार्टी राज्य विधानसभा का चुनाव अपने 'ब्रैंड' पर लड़ना चाहेगी. उसके 'ब्रैंड' में सर्जिकल स्ट्राइक भी है, जिसे 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के जरिए भुनाने की कोशिश की जा रही है.