असम में एनआरसी के तहत विदेश घोषित हुए कारगिल युद्ध लड़ने वाले मोहम्मद सनाउल्लाह के मामले में नया मोड़ सामने आया है. इस मामले में गवाह बनाए गए शख्स ने अब जांच अधिकारी पर ही सवाल उठाए हैं. गवाह का आरोप है कि जांच अधिकारी ने बिना गवाही लिए ही झूठा बयान दर्ज किया है. इस मामले में गवाह ने जांच अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
मोहम्मद सनाउल्लाह के रिश्तेदार फजलुल हक ने कहा कि गवाह सनाउल्लाह के गांव के ही रहने वाले हैं. इंस्पेक्टर ने साजिश की. गलत तरीके से उनका (गवाह) नाम गलत तरीके से दर्ज किया और फर्जी बयान लिखा गया. जब उन्हें पता चला तो उन्होंने (गवाह) जांच अधिकारी चंद्रमल दास खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस कभी गवाह से न मिली और न ही बयान दर्ज कराया.
Assam: Witnesses of the case where ex-Army officer Md Sanaullah was declared a foreigner&detained by police in Guwahati, have filed case against the Investigating Officer-Retd Officer Chandramal Das, alleging they'd never recorded a statement&have been falsely included as witness pic.twitter.com/OqihXrbpiw
— ANI (@ANI) June 3, 2019
क्या है पूरा मामला
भारतीय सेना में 30 साल तक सेवाएं दे चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण (फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल) ने विदेशी घोषित किया है. विदेशी घोषित होने के बाद सनाउल्लाह को परिवार सहित गोलपाड़ा के डिटेंशन कैंप भेजा गया है. रिटायरमेंट के बाद मोहम्मद सनाउल्लाह असम पुलिस में एएसआई के रूप कार्यरत थे.
Fazlul Haq, Mohd Sanaullah's relative: Witnesses are residents of Sanaullah's village. The Inspector had conspired, falsely included their names as witnesses & wrote false statement. When they came to know, they filed a case against him. Police never met them or took a statement. pic.twitter.com/JaLsaMJTsx
— ANI (@ANI) June 3, 2019
सबूत देने में असफल होने पर कार्रवाई
सनाउल्लाह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम एनआरसी में नहीं हैं. न्यायाधिकरण ने 23 मई को जारी आदेश में कहा कि सनाउल्लाह 25 मार्च, 1971 की तारीख से पहले भारत से अपने जुड़ाव का सबूत देने में असफल रहे हैं और वह इस बात का भी सबूत देने में असफल रहे कि वह जन्म से ही भारतीय नागरिक हैं.