देवेंद्र फडनवीस महाराष्ट्र की राजनीति के बाजीगर बन चुके हैं. बाकी महाराष्ट्र तो छोड़िए मुंबई के असली किंग कहे जाने वाले ठाकरे परिवार को फडनवीस ने जबरदस्त राजनैतिक टक्कर दी है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस मूलरूप से नागपुर के रहने वाले हैं. 46 वर्ष के फडनवीस सामान्य निगम पार्षद से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं. वे 1997 में नागपुर के मेयर चुने गए थे. वे भारत के दूसरे और नागपुर के पहले सबसे कम उम्र के मेयर बने.
पहली बार फडनवीस 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए. 2014 में पहली बार बीजेपी शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ी और जीती. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद फडनवीस को सीएम बनाया गया.
आखिर में पलट गई बाजी
अब निकाय चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत का नायक फडनवीस को माना जा रहा है. ये फडनवीस का ही जादू है जिसने मुंबई में ही ठाकरे राज को फंसा दिया. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि बीएमसी में शिवसेना को बहुमत मिल जाएगा लेकिन आखिर में बाजी पलट गई और बीजेपी करीब-करीब शिवसेना की बराबरी तक पहुंच गई.
राजनीति के नंबर वन नेता बने फडनवीस
आज देवेंद्र फडनवीस महाराष्ट्र की राजनीति के नंबर एक नेता बन चुके हैं क्योंकि मुंबई में ठाकरे राज से टक्कर लेकर सिर्फ उन्हें बैकफुट पर ला देना ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र में निकाय चुनाव में शहर-शहर बीजेपी की चुनावी लहर दिखा देना, जिसमें 10 में से 8 नगरपालिका पर बीजेपी का कब्जा हुआ, 25 में से 15 जिला पंचायतों में बीजेपी की जीत हुई.
ठाकरे परिवार को जबरदस्त टक्कर
मुंबई में बीजेपी का 31 सीट से 82 सीट तक पहुंचना और सबसे बड़ी बात कि जिस शिवसेना ने किसी भी वक्त समर्थन वापस लेने के लिए फडनवीस सरकार को नोटिस पीरियड दे रखा था. उसको अब खुद राजनीति की काउंटर डील करने के लिए मजबूर कर दिया है.