पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के बयान से नाराज बीजेपी नेता लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वहीं एल्गार परिषद के आयोजक रिटायर्ड जस्टिस कोलसे पाटिल ने कहा कि जब पूर्व छात्र नेता स्टेज पर थे तब उन्होंने 'मनुवाड़ी' की जगह 'हिंदू' शब्द के प्रयोग को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि उस्मानी ने अच्छा बोला लेकिन गलत शब्द का चुनाव किया. उन्होंने बीजेपी नेताओं पर एल्गार परिषद को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
रिटायर्ड जज ने कहा कि पूर्व छात्र नेता का भाषण ठीक था. उन्हें सभी हिंदुओं का सामान्यीकरण करने की बजाय, 'मनुवादी' या 'ब्राह्मणवादी' शब्द का प्रयोग करना चाहिए था. क्योंकि वह पितृसत्तात्मक और जातिवाद के विरोध में बात कर रहे थे. जिससे हम सभी जूझ रहे हैं. वह एक गलती थी. अगर उनके इस बयान से किसी की भावना आहत हुई है तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं.
इसके साथ ही रिटायर्ड जज कोलसे पाटिल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि एएमयू छात्र नेता के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग कर एल्गार परिषद को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
दरअसल पुणे के बीजेपी नेताओं ने पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है और उस्मानी के खिलाफ दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 124-A यानी की राजद्रोह का आरोप जोड़ने की मांग की है. इस बाबत पुणे बीजेपी के नेताओं ने बुधवार को पुणे के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की.
पुणे में पिछले हफ्ते एल्गार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी के विवादित भाषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उस्मानी के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत भारतीय युवा जनता मोर्चा के क्षेत्रीय सचिव प्रदीप गावडे ने की थी.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153-ए के तहत पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है. उन पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले बीजेपी नेता प्रदीप गावडे ने कहा कि हमने पुलिस से अनुरोध किया है कि वह उस्मानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के तहत मामला दर्ज करे क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह भारतीय राज्य, संसद और न्यायपालिका में विश्वास नहीं करते. हमने यह भी कहा कि एल्गार परिषद के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
बीजेपी ने नेताओं ने कहा कि शरजील उस्मानी और जस्टिस बी जी कोलसे पाटिल को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.