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इंद्राणी मुखर्जी को कोर्ट ने दी 10 दिनों के लिए यूरोप जाने की अनुमति

विशेष सीबीआई जज एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मुखर्जी ने अब तक जमानत शर्तों का पालन किया है, और अन्य कारणों के अलावा वह नियमित रूप से अदालत में उपस्थित होती रही हैं, उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी जा सकती है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को अपनी संपत्तियों से जुड़े कुछ जरूरी काम के लिए 10 दिनों के लिए यूरोप जाने की अनुमति दे दी. मुखर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2022 को जमानत पर रिहा किया था, जिसमें कहा गया था कि वह सीबीआई कोर्ट की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएंगी.

दो लाख रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना होगा
मुखर्जी को अगले तीन महीनों में दो लगातार तारीखों के बीच 10 दिनों के लिए यात्रा करने की अनुमति मिली है, बशर्ते उन्हें कोर्ट में दो लाख रुपए नकद सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा करवाने होंगे. उन्हें सीबीआई को अपने दो करीबी रिश्तेदारों की डिटेल भी देना होगा.

विशेष सीबीआई जज एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मुखर्जी ने अब तक जमानत शर्तों का पालन किया है, और अन्य कारणों के अलावा वह नियमित रूप से अदालत में उपस्थित होती रही हैं, उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी जा सकती है.

जज ने कहा कि उनके लिए विदेश यात्रा करना जरूरी. जज ने भागने के जोखिम की आशंका, मुकदमे के दौरान आरोपी का आचरण आदि जैसे फैक्टर पर भी गौर किया और कहा, 'विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने का कोई आधार या प्रासंगिक आपत्ति नहीं है.'

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जज ने कहा, 'हालांकि, इसके साथ ही अभियोजन पक्ष की सीबीआई की आशंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता. आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कई सुरक्षा उपाय, जांच, सीमित समय अवधि और उचित नियम व शर्तें लागू करना आवश्यक है.'

जज ने कहा कि मुखर्जी को निर्देश दिया जाता है कि अगर उनके नाम पर कोई अचल संपत्ति के दस्तावेज हैं, तो वे कोर्ट के समक्ष उनकी कॉपी सबमिट करें. उन्हें यह भी निर्देश दिया जाता है कि वे भारत से बाहर जाने से पहले सीबीआई को अपने कांटेक्ट डिटेल के साथ पूरा पता भी उपलब्ध कराएं, जहां वे जाएंगी और जहां रहेंगी.

मुखर्जी को उन देशों में रहने के दौरान कम से कम एक बार भारतीय दूतावास या उसके जुड़े ऑफिस में उपस्थित होना होगा, जहां वे यात्रा करना चाहती हैं, जहां उनके पक्ष में अटेंडेंस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. यह अटेंडेंस सर्टिफिकेट भारत लौटने के बाद कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया जाना चाहिए. उन्हें विदेश जाने से पहले और विदेश से भारत लौटने के बाद सीबीआई को रिपोर्ट करना होगा.

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