विवादों में घिरीं महाराष्ट्र कैडर की IAS पूजा खेडकर जिस ऑडी गाड़ी से पुणे कलेक्ट्रेट जा रही थीं, उसे पुलिस ने सीज कर दिया है. खेडकर फैमिली के ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिस स्टेशन जाकर ऑडी की चाबी पुलिस को सौंप दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि फैमिली ने अबतक गाड़ी के डॉक्यूमेंट नहीं सौंपे हैं.
पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर रहते हुए IAS पूजा खेडकर इसी ऑडी कार का प्रयोग करती थीं, जिस पर 'महाराष्ट्र सरकार' लिखा हुआ था. इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था कि आखिर प्रोबेशन पीरियड में कोई अधिकारी लाल-नीली बत्ती लगी गाड़ी पर 'महाराष्ट्र सरकार' कैसे लिख सकता है. विवाद बढ़ने के बाद पुणे ट्रैफिक पुलिस ने नोटिस भी जारी किया था.
नोटिस में कहा गया था कि खेडकर की कार पर लाल-नीली बत्ती लगी हुई है और उस पर महाराष्ट्र सरकार लिखा हुआ है. निजी वाहन के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है. इसके अलावा गाड़ी पर बिल का भुगतान भी नहीं किया गया है.
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डॉक्यूमेंट्स की जांच के लिए बनी कमेटी
इधर, केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूजा खेडकर द्वारा सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवारी सुरक्षित करने और फिर सेवा में चयन के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों की फिर से जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था.
पुणे से वाशिम जिले में हो चुका है ट्रांसफर
2023 बैच की IAS वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं. उनका पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के कारण खेडकर का ट्रांसफर किया है. पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूजा खेडकर की शिकायत की थी. अब उन्हें वाशिम जिले की एडिशनल असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली है.
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कैसे चर्चा में आई थीं पूजा खेडकर?
पुणे में अपने प्रोबेशन के दौरान पूजा खेडकर ने कई विशेषाधिकारों की मांग की थी, जो प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलते. इस दौरान पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, अपनी गाड़ी पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, एक ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की. यहां तक कि उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया.