पिछले कुछ दिनों से मुंबई में कोरोना वायरस के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसे में बीएमसी ने मुंबई के लोगों से अपील की है कि अगर वे किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएं या उनमें कोरोना के लक्षण दिखें, तो वे तुरंत अपना कोरोना टेस्ट कराएं. उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र सरकार को आगामी त्योहारों के मद्देनजर स्थानीय प्रतिबंध लगाने पर विचार करने की सलाह दी है.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, मुंबई में 26 अगस्त को कोरोना के 397 केस सामने आए हैं. ये 28 जुलाई के बाद सबसे ज्यादा हैं. केसों में बढ़ोतरी के बीच बीएमसी ने ये अपील की है. मुंबई में 20 अगस्त को कोरोना के 322 केस सामने आए थे. जबकि 25 अगस्त को कोरोना के 342 मरीज मिले थे.
सख्ती से लागू हों टेस्टिंग के नियम
बीएमसी ने अपने बयान में कहा कि कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर और प्रतिबंधों में छूट के मद्देनजर पूरे मुंबई में टेस्टिंग के नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. बीएमसी ने कहा, जल्द जांच संक्रमण को फैलने से रोकने के साथ साथ मरीज के ठीक होने और अस्पताल में उनके कम भर्ती होने के लिए भी जरूरी है. बयान में कहा गया है कि वैक्सीनेशन से महामारी को रोका जा सकता है.
250 से ज्यादा सेंटर्स पर हो रही जांच
बीएमसी ने कहा, फ्री आरटी पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्टिंग नागरिकों के लिए 250 से ज्यादा सेंटर्स पर उपलब्ध हैं. बीएमसी द्वारा अस्पतालों में, प्रसूति गृहों और नागरिक वार्ड दफ्तरों में ये सेंटर्स बनाए गए हैं. बीएमसी की वेबसाइट पर एक लिस्ट जारी की गई है. यह वार्ड वार रूम के साथ भी उपलब्ध है. यहां लोग अपने पास के जांच केंद्र पर समय और स्लॉट का पता लगा सकते हैं.
डेल्टा वेरिएंट को लेकर दी चेतावनी
बीएमसी ने अपने बयान में कहा, कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट पहले ही भारत समेत 11 देशों में फैल चुका है. आशंका जताई जा रही है कि यही अगली लहर की वजह बन सकता है. ऐसे में बीएमसी ने वरिष्ठ नागरिकों से अतिरिक्त ध्यान देने और सभी लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की अपील की है.
प्रतिबंध लगाने पर विचार करे राज्य सरकार- केंद्र
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र सरकार को आगामी त्योहारों के मद्देनजर स्थानीय प्रतिबंध लगाने पर विचार करने की सलाह दी है. स्वास्थ्य सचिव ने पत्र लिखकर कहा, महाराष्ट्र में आगामी त्योहारों (दही हांडी और गणपति उत्सव) के दौरान सामूहिक कार्यक्रमों और सभाओं के मद्देनजर यह सलाह दी जाती है कि राज्य सरकार इन पर स्थानीय प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकती है.