परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल किया है. उन्होंने हाईकोर्ट में अपने तबादले को चुनौती दी है और महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच की मांग की है. इससे पहले परमबीर सिंह इस मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि ये मामला गंभीर तो है लेकिन वो पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गुरुवार को परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है और मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से तबादले को चुनौती दी है.
बता दें कि एंटीलिया केस के बाद महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया था. इसके बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी और आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख गिरफ्तार पुलिस ऑफिसर सचिन वाजे पर 100 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दबाव बना रहे थे. इस पत्र के सार्वजनिक होते ही महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था.
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाने के बाद परमबीर सिंह 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. उन्होंने अपनी याचिका में अपने तबादले को चुनौती दी थी साथ ही कहा था कि गृह मंत्री पुलिस के जरिए पैसा कलेक्शन करने का गिरोह चला रहे हैं.
परमबीर सिंह की याचिका पर बुधवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने सुनवाई की. अदालत ने परमबीर सिंह ने कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं लेकिन आप पहले हाई कोर्ट में जाएं. इसके बाद परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमे संदेह नहीं है कि यह मामला बेहद गंभीर है. हाई कोर्ट जाने की छूट दी जाती है.