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'MLA-MP आर्थिक मदद करें और CM मेरे बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएं...', किसान ने चिट्ठी लिख लगाई फांसी

सोलापुर जिले के बार्शी तालुका के दहिटणे गांव में किसान लक्ष्मण गावसाने ने आत्महत्या कर ली. लगातार बारिश से फसल बर्बाद, बीमारी और बच्चों की पढ़ाई के खर्च से परेशान होकर उन्होंने आम के पेड़ से फांसी लगा ली. उनकी जेब से चिट्ठी मिली, जिसमें विधायक–सांसद से आर्थिक मदद और मुख्यमंत्री से बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने की मांग की गई.

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मृतक किसान की फाइल फोटो. (Vijay Babar/ITG)
मृतक किसान की फाइल फोटो. (Vijay Babar/ITG)

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के बार्शी तालुका के दहिटणे (वैराग) गांव से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. लगातार बारिश, अतिवृष्टि और बढ़ते शैक्षणिक खर्च से परेशान एक किसान ने आम के पेड़ से फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया. मृतक किसान की पहचान 40 वर्षीय लक्ष्मण काशीनाथ गावसाने के रूप में हुई है. वह खेती और मजदूरी के सहारे परिवार का गुजारा करते थे.

दरअसल, घटना बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सासुरे शिवार में सामने आई. लक्ष्मण मंगलवार दोपहर घर से 'मैं वैराi बाज़ार जा रहा हूं' कहकर निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे. देर रात उनकी गुमशुदगी की शिकायत वैराग पुलिस थाने में परिजनों ने दर्ज कराई थी. बुधवार सुबह ग्रामीणों ने उनका शव गांव के पास आम के पेड़ से लटका देखा. पुलिस उपनिरीक्षक प्रतापसिंह जाधव, उपनिरीक्षक शिवाजी हाले और कांस्टेबल प्रदीप चव्हाण मौके पर पहुंचे और पंचनामा किया.

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मृतक की जेब से एक चिट्ठी मिली, जिसमें उन्होंने लिखा था — 'विधायक–सांसद आर्थिक मदद करें और मुख्यमंत्री मेरे बच्चों ज्ञानेश्वर और ज्ञानेश्वरी की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएं.' इस चिट्ठी ने परिजनों और ग्रामीणों को भावुक कर दिया. बता दें कि लक्ष्मण गावसाने की बेटी बीएससी की पढ़ाई ज़िले से बाहर कर रही है और बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. दोनों की शिक्षा का खर्च लगातार बढ़ रहा था. 

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लक्ष्मण काशीनाथ
लक्ष्मण काशीनाथ.

दूसरी ओर, किसान के हिस्से की मात्र डेढ़ एकड़ ज़मीन से ही परिवार की आजीविका चलती थी. पिछले सप्ताह से लगातार हो रही बारिश और अतिवृष्टि के कारण बोई गई फसल खेत में ही सड़ गई. इससे उन्हें भारी नुकसान हुआ. खेती की बर्बादी, बीमारी और बढ़ते खर्चों से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया.

शुगर और बवासीर की बीमारी से भी था परेशान

परिजनों का कहना है कि लक्ष्मण को हाल ही में शुगर और बवासीर की बीमारी भी हो गई थी. आर्थिक संकट और बीमारी के कारण उनका तनाव और बढ़ गया था. छोटे भाई दत्तात्रय गावसाने ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से तंग आकर उनके भाई ने आत्महत्या की है और अब परिवार पूरी तरह टूट गया है.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में बार्शी तालुका में हो रही मूसलधार बारिश से खेती और पशुधन का भारी नुकसान हुआ है. प्राकृतिक संकट से जूझते किसानों की हालत बेहद खराब है. लक्ष्मण गावसाने की आत्महत्या ने एक बार फिर किसानों की बदहाली और सरकारी मदद की कमी को उजागर कर दिया है. इस घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है.

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रिपोर्ट- विजय बाबर.
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