महाराष्ट्र के चंद्रपुर में सुमेध वाघमारे 'बर्ड मैन' से फेमस हो चुके हैं. दरअसल, वह बेहद खूबसूरती से करीब 200 पशु-पक्षियों की आवाजें निकाल लेते हैं. बर्ड मैन की इस कला को देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. पक्षियों की आवाज निकालकर बड़े अनूठे तरीके से वह पर्यटकों के बीच पशु-पक्षियों को लेकर जनजागृति करते हैं.
वे चिड़ियों से लेकर जंगल के सभी पक्षियों की आवाज ऐसे निकालते हैं कि मानो वो पक्षी आपके सामने ही हों. बर्ड मैन सुमेध मूलतः महाराष्ट्र के हिंगोली के रहने वाले हैं. सुमेध के पिता किसान हैं. अपने मवेशियों को चराने ले जाने के दौरान वह जानवरों की आवाजें निकालते थे.
फिलहाल, सुमेध चंद्रपुर के ताडोबा टाइगर रिजर्व में पशु-पक्षियों को लेकर जनजागृति का काम कर रहे हैं. यही नहीं, जंगली जानवर हो या पालतू जानवर, सुमेध सभी की आवाजें बड़ी ही खूबसूरती से निकालते हैं. उनकी इस आवाज निकालने की कला का हर कोई कायल है.
देखें वीडियो...
पर्यटक बड़े ही चाव से सुमेध की इस कलाकारी को देखते और सुनते हैं. बर्डमैन कहना है कि पर्यटक ताडोबा में सिर्फ बाघ देखने की मंशा से आते हैं. मगर, यहां आकर उन्हें एक नया अनुभव होता है, जिसे वे अपने मोबाइल में कैद कर लेते हैं.
सुमेध बताते हैं कि बाघों को देखने के दौरान पर्यटक कई बार जंगल की बाकी खूबसूरती को नजरअंदाज कर देते हैं. लिहाजा, पर्यटकों को जंगल के बाकी जानवरों और पक्षियों के बारे में जानकारी देने के लिए वह पक्षियों और जानवरों की आवाजें निकालकर लोगों को जागरूक करते हैं.
फिल्म स्टार सयाजी शिंदे से मिली सुमेध को प्रेरणा
सुमेध बताते हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें फिल्म स्टार सयाजी शिंदे से मिली है. सयाजी शिंदे निस्वार्थ होकर पेड़ बचाओ और पानी बचाओ को लेकर काम करते हैं. उनसे प्रेरणा लेकर सुमेध ने पक्षियों को बचाने को लेकर जनजागृति शुरू कर दी. वैसे तो ताडोबा बाघों के लिए मशहूर है. मगर, अब इस बर्ड मैन की भी चर्चा हो रही है.
टूरिज्म गेट मैनेजर पद पर नौकरी करने आए थे सुमेध
सुमेध वैसे तो ताडोबा में टूरिज्म गेट मैनेजर के पद की नौकरी पाने के लिए आए थे. मगर, ताडोबा प्रशासन भी सुमेध के पशु-पक्षियों की आवाज निकालने के हुनर का कायल हो गया. लिहाजा, उन्हें पशु-पक्षियों के प्रति जनजागृति फैलाने के लिए अस्थाई तौर पर नैचरलिस्ट की नौकरी पर रख लिया है.