
नए साल का जश्न मनाने एक ओर जहां पूरा यूथ ब्रिगेड दो साल का लंबा इंतजार कर रहा है, तो वहीं सरकार की ओर से जारी किए गए लॉकडाउन के आदेश ने उन सारे इंतजार व उत्साह में पानी फेर दिया है. मुंबई स्टेट गर्वनमेंट की ओर से कोविड को लेकर जारी किए गए निर्देश के अनुसार, पूरी मुंबई नाइट कर्फ्यू और दिल्ली येलो अलर्ट में होगी. इतना ही नहीं मुंबई चार से पांच लोगों की गैदरिंग भी अब नहीं हो सकती है.
स्टेट गर्वनमेंट के इस फैसले ने यूथ के न्यू-ईयर के जश्न को फीका कर दिया है. एक ओर जहां लोगों के उत्साह मायूसी में बदली है, तो वहीं दूसरी ओर इवेंट मैनेजमेंट और सारे नाइट क्लबों में भी बिजनेस का बड़ा लॉस नजर आ रहा है.
'सबकुछ बर्बाद होता दिख रहा है'
इवेंट कंपनी चला रहे वरुण बताते हैं, इस साल के आखिर में जब बैक टू नॉर्मल सी लाइफ दिखी थी, तो हम इवेंट कंपनी को एक राहत थी कि चलो इस साल शायद चीजें ठीक हो जाएंगी. नवंबर से लेकर फरवरी तक हमारा काम पीक पर होता है. हालांकि जिस तरह अचानक से कोरोना के इस नए वैरिएंट ने वापसी की है, अब कुछ बर्बाद नजर आ रहा है.

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अब छोटे शहरों में भाग रहें इवेंट वाले
वरुण आगे कहते हैं, कोरोना के बढ़ते वैरियेंट ने हमें मजबूर कर दिया है कि हम गोवा, मनाली, ऑली, लोनावला, कसौल, दमन जैसी छोटी जगहों पर जाकर इवेंट करें. मैं 25 दिसंबर से ही अपना इवेंट गोवा में कर रहा हूं. गोवा में फिलहाल स्टेट गर्वनमेंट की ओर से कोई रुल्स और रेग्यूलेशन नहीं पास किए गए हैं. अभी फिलहाल मुंबई में ही नाइट कर्फ्यू का आदेश है. हालांकि अपने होम-ग्राउंड और दूसरे शहर में इवेंट्स करने में कई तरह के चैलेंजेस झेलने पड़ते हैं, लेकिन बिजनेस को रिवाइव्ड करना है, तो कोई न कोई रास्ता निकालना पड़ेगा ही. मेरे कई इवेंट्स वाले दोस्त भी डेस्टिनेशन इवेंट्स पर ही फोकस कर रहे हैं.
सरकार कर रही हैं बड़े इवेंट्स, तो हमें रोक क्यों
वहीं EMMA(इवेंट ऐंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट) सेक्रेटरी दीपक पी पवार बताते हैं, इस वक्त इवेंट इंडस्ट्री डूब रही है. पहले तो ये बात समझ नहीं आती है कि सारे रूल्स और रेग्यूलेशन हमारी इंडस्ट्री के लिए ही क्यों बनाए जाते हैं. जबकि खुद सरकार इस महामारी में रैली, इलेक्शन, इवेंट्स करा रही है, जिसमें हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ इक्ट्ठा होती है. ऐसे में कोरोना या ओमीक्रोम वैरियंट के फैलने का डर नहीं होता है, लेकिन अगर इवेंट कंपनी अगर कोई पार्टी या फंक्शन कर ले, तो गलत है. हाल ही में मुंबई में भी एक अंबेडकर जयंती पर इवेंट किया गया. लेकिन नाइट कर्फ्यू लगाकर आपने इवेंट कंपनी को लॉस में डाल दिया है. वैसे हर स्टेट सेफ्टी को लेकर अपना कॉल ले रही है. मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में न्यू ईयर के दिन बड़े इवेंट्स मुश्किल में पड़ सकते हैं. हमारी कोशिश है कि हम सरकार से बात कर कोई बीच का रास्ता निकालें. मसलन, हम पूरी सेफ्टी व प्रोटोकॉल्स के साथ अवेंट करवाएं ताकि बैलेंस बना रहे और लॉस में थोड़ी कमी आए. वहीं कुछ इवेंट्स कंपनियां और यूथ का इंट्रेस्ट अब छोटे टूरिस्ट प्लेस की ओर दिख रहा है. किसी तरह की रोक न होने की वजह से वहां के इवेंट्स में कोई अड़चन नहीं आई है.
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पिछले दो सालों में 53 प्रतिशत की आई गिरावट
होटल ऐंड रेस्टॉरेंट असोसिएशन के दिलीप दत्तानी रेस्त्रां इंडस्ट्री के लॉस पर बताते हैं, फाइनैंसियल ईयर 2021 में रेस्टॉरेंट इंडस्ट्री 53 प्रतिशत की गिरावट आई, जोकि फाइनैंसियल ईयर 2020 के आंकड़े 423624 करोड़ के मुकाबले 200762 करोड़ रहा. हालांकि अनुमान यही लगाया जा रहा था कि 2022 में अच्छी खासी बढ़त के साथ वापस से 472,285 करोड़ हो सकती है लेकिन अब वापस से अगर लॉकडाउन लगता है, तो फिर दोबारा लॉस झेलना होगा.
कईयों के रिफंड हो रहे हैं पैसे
ऑनलाइन के इस दौर में न्यू-ईयर ईव को लेकर कई यूथ ने होटल्स व पब में एडवांस बुकिंग करवाई थी. प्रोटोकॉल आने के बाद अब होटल्स रिफंड प्रोसेस से गुजर रही है. कई होटल्स ने नाइट कर्फ्यू की अनाउंसमेंट के बाद बुकिंग कैंसिल कर पैसे रिफंड के प्रोसेस में जुड़ गई है. पार्टी गोअर रवि कहते हैं, दो साल से घरों में कैद हमनें सोचा था इस साल न्यू ईयर ईव शानदार तरीके से मनाएंगे. हमारे ग्रुप ने 31 की नाइट पार्टी के पासेस एडवांस में खरीद लिए थे. लेकिन अब हमें इसके कैंसिलेशन का मेसेज भी आ गया है. अब लगता है इस साल भी हाउस पार्टी करते हुए ही नया साल गुजरेगा, जो कहीं न कहीं फ्रस्ट्रेटिंग है.