scorecardresearch
 

योगी आदित्यनाथ की बायोपिक पर विवाद, फिल्म निर्माताओं की याचिका पर कोर्ट ने CBFC को जारी किया नोटिस

फिल्म मेकर्स ने दावा किया कि यह फिल्म शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी गई किताब “The Monk Who Became Chief Minister” से प्रेरित है और यह समकालीन राजनीतिक हस्ती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिंदगी और नेतृत्व पर आधारित है.

Advertisement
X
कानूनी पचड़े में फंसी सीएम योगी की बायोपिक फिल्म (Representative Photo)
कानूनी पचड़े में फंसी सीएम योगी की बायोपिक फिल्म (Representative Photo)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाइफ पर बनी फिल्म कानून पचड़े में फंसती नजर आ रही है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के द्वारा NOC की मांग के बाद फिल्म मेकर्स ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को सम्राट सिनेमैटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है. यह प्रोडक्शन हाउस 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ ए योगी' फिल्म को प्रोड्यूस कर रहा है.

फिल्म मेकर्स का दावा है कि सीबीएफसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से मिले नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग की है. जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और डॉ. नीला गोखले की बेंच 17 जुलाई को फिल्म मेकर्स की याचिका पर फिर से सुनवाई करेगी.

फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने दावा किया कि CBFC द्वारा आगामी फीचर फिल्म के सर्टीफिकेशन आवेदनों पर कार्रवाई करने में 'मनमाना, अनुचित और गैर-जरूरी देरी' की गई.

फिल्म मेकर्स का क्या कहना है?

फिल्म मेकर्स ने दावा किया कि यह फिल्म शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी गई किताब “The Monk Who Became Chief Minister” से प्रेरित है और यह समकालीन राजनीतिक हस्ती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिंदगी और नेतृत्व पर आधारित है. मेकर्स ने कहा कि यह 'गलत, असंगत और निराधार मांग है, जबकि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम या उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत ऐसी कोई जरूरत मौजूद नहीं है."

Advertisement

निर्माताओं ने दावा किया कि सीएमओ कार्यालय से एनओसी की यह मांग फिल्म की रिलीज़ में देरी करने की एक चाल है."

यह भी पढ़ें: 'राहत के लिए मुंबई हाई कोर्ट जाएं', CBI से समन मामले में समीर वानखेड़े को दिल्ली HC की सलाह

निर्माताओं ने दावा किया कि किताब को मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) द्वारा ऑफिशियल तौर से अप्रूव किया गया है और यह सब सीबीएफसी को बताया गया था. उन्होंने मुख्य फिल्म, टीज़र, ट्रेलर और एक प्रमोशनल गाने के प्रमाणन के लिए उचित वक्त के अंदर सीबीएफसी को कई सर्टिफिकेशन आवेदन दिए थे. 

हालांकि, फिल्म निर्माताओं ने दावा किया कि CBFC सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियमों के तहत निर्धारित वैधानिक समय-सीमा के अंदर आवेदनों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है.

फिल्म को 1 अगस्त, 2025 को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना है और फिल्म मेकर्स ने मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और प्रमोशन सहयोग सहित करीब ₹30 करोड़ का प्री-रिलीज खर्च किया है और फिल्म की रिलीज तक करीब ₹10 करोड़ का खर्च होने का अनुमान है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement