महाराष्ट्र सरकार को अंधविश्वास और काला जादू रोधी विधेयक पारित कराने के लिए मजबूर करने का अभियान चलाने वाले कार्यकर्ता नरेन्द्र दाभोलकर की मंगलवार सुबह अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
शहर के ओंकारेश्वर पुल पर दाभोलकर को खून से लथपथ पाया गया. इसके बाद उन्हें यहां के सासून अस्पताल लाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
दाभोलकर ‘साधना’ पत्रिका के संपादक भी थे. यह पत्रिका प्रगतिशील विचारों को बढ़ावा देती है.
पुणे के पुलिस आयुक्त गुलाबराव पाल ने दाभोलकर की मौत की पुष्टि करते हुए पीटीआई से कहा कि पुलिस हत्या के कारण का पता लगा रही है, लेकिन अब तक किसी भी संदिग्ध की पहचान नहीं की गई है.
दाभोलकर ने सामाजिक सोच को बदलने एवं लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ का नेतृत्व किया था.
अमानवीय रीतियों एवं अंधविश्वासों के खात्मे के लिए लड़ने वाले दाभोलकर ने राज्य विधानसभा में अंधविश्वास और काला जादू रोधी विधेयक पारित कराने के लिए महाराष्ट्र सरकार को मजबूर करने के लिए एक अभियान का नेतृत्व किया था. वरकारी पंथ के मानने वाले कुछ वर्ग इस विधेयक के खिलाफ हैं.