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Maharashtra: धार्मिक स्थलों पर रंग फेंकने पर कार्रवाई, अलग-अलग थानों में 9 मामले दर्ज

होली के त्योहार पर शरारती तत्वों ने मराठवाड़ा के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर रंग फेंक कर और जयश्री राम लिखकर माहौल खराब करने की कोशिश की थी. इसके बाद मराठवाड़ा के बीड, धाराशिवा, जलाना और छत्रपति संभाजीनगर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 9 एफआईआर दर्ज की गई है.

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थाने के बाहर जमा भीड़
थाने के बाहर जमा भीड़

महाराष्ट्र के बीड जिले के माजलगांव की मरकज मस्जिद की दीवार पर एक व्यक्ति ने जय श्री राम लिख दिया था. इसके बाद लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इस घटना के बाद काफी सारे लोग मजगांव पुलिस थान के पास देर रात जमा हो गए. इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई.  इस दौरान एसडीपीओ धीरज कुमार ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

इस मामले में पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने कहा के हमने माजलगांव घटना में चार एफआईआर दर्ज की हैं. पहली एफआईआर उस व्यक्ति के खिलाफ जिसने धार्मिक स्थल पर जय श्री राम लिखा है. दूसरी  फिर जब माजलगांव पुलिस थाने के करीब बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर अवैध रूप से रास्ते पर आ गए. तीसरी एफआईआर एक संदिग्ध पर हुई है, जिसने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर भड़काऊ बयान दिया था.

धार्मिक भावना को ठेंस पहुंचाने को लेकर एक मामला दर्ज
वहीं चौथी एफआईआर उन लोगों पर की गई. जिन्होंने माजलगांव बंद करने की बात कही थी. इसके बाद  धाराशिव जिले में भी सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और माहौल खराब करने की कोशिश को लेकर दो एफआईआर दर्ज की है. एक एफआईआर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए एक और दूसरी पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर हुई है. 

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अवैध रूप से सड़कों पर इकट्ठा होने पर भी हुई एफआईआर
वहीं  धाराशिव में एक अन्य एफआईआर 200 से अधिक लोगों पर गैर कानूनी रूप से इकट्ठा होने को लेकर किया गया है. इसके अलावा इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धाराशिव पुलिस की क्यूआरटी के साथ-साथ रिजर्व पुलिस बल के जवानों को भी तैनात किया गया है.

जालना में भी दो मामले दर्ज
इधर, जालना शहर में भी उपद्रवियों द्वारा दो मस्जिदों पर रंग फेंकने और माहौल खराब करने की कोशिश के आरोप में दो एफआईआर दर्ज की गई है. सदर बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज दोनों मामलों में संदिग्धों पर आईपीसी की धारा 295, और 153 A के तहत दर्ज किया गया है.

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